- केंद्र, राज्य सरकार के रवैये को लेकर हाई कोर्ट सख्त

- पौड़ी के सुमाड़ी व नियाल गांव समेत दो अन्य गांवों को बनाया पक्षकार

नैनीताल : हाई कोर्ट ने पौड़ी गढ़वाल स्थित श्रीनगर एनआईटी शिफ्ट करने के मामले में केंद्र सरकार, राज्य सरकार तथा एनआईटी से जवाब मांगा है। कोर्ट ने सुमाड़ी, नियाल समेत दो अन्य गांवों के लोगों को पक्षकार बनाने के प्रार्थना पत्र को भी स्वीकार कर लिया है। अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद नियत की गई है।

ग्रामीणों ने दिया था प्रार्थना पत्र

ग्रामीणों ने हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर कहा है कि श्रीनगर एनआईटी के लिए उन्होंने 120 हेक्टेयर भूमि दान दी है। उम्मीद थी कि एनआईटी बनने से इलाके का विकास होगा। क्षेत्र में हो रहे पलायन पर रोक लगेगी और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। 2009 में सरकार ने वन विभाग को भूमि हस्तांतरण के बदले में नौ करोड़ उपलब्ध करा दिए। साथ ही एनआईटी कैंपस की चाहरदीवारी के लिए चार करोड़ भी खर्च किए। इसके बाद अब सरकार इस प्रतिष्ठित संस्थान को मैदानी क्षेत्र में बनाना चाहती है। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ में मामले पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार, राज्य सरकार तथा श्रीनगर एनआईटी ने जवाब दाखिल नहीं किया तो कोर्ट ने तल्ख लहजे में कहा कि अब तक जवाब दाखिल क्यों नहीं किया गया। कोर्ट ने दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए। यहां बता दें कि मुख्यमंत्री व उच्च शिक्षा मंत्री एनआईटी को किसी भी हाल में शिफ्ट नहीं होने देने संबंधी बयान दे चुके हैं।