मार्केट में नहीं दिखती सुरक्षा

हाई अलर्ट अनाउंस होने के बाद शहर के व्यस्त मार्केट्स में लोगों की आवाजाही तो रोजमर्रा की तरह ही थी। लेकिन सुरक्षा के जो इंतजाम पुलिस की ओर से होने चाहिए थे वह नहीं दिखे। कुतुबखाना और श्यामगंज में चौराहों पर तैनात कॉन्स्टेबल रोज की ही तरह ट्रैफिक को मैनेज करते दिखे। लेकिन गाडिय़ों की चेकिंग नहीं की जा रही थी।

सीसीटीवी के भरोसे पैसेंजर्स की सुरक्षा

सिटी के प्राइम प्लेसेज पर सिक्योरिटी अरेंजमेंट्स फिसड्डी मिलने के बाद नॉवेल्टी बस स्टेशन के इंतजामों ने थोड़ी उम्मीद जगाई। यहां सिक्योरिटी के लिए लगे सभी सीसीटीवी कैमरे वर्किंग कंडीशन में थे और उनकी मॉनीटरिंग भी की जा रही थी। वहीं गार्ड भी पूरी मुस्तैदी के साथ अपनी ड्यूटी कर रहा था। हालांकि मेटल डिटेक्टर की कमी जरूर महसूस हुई लेकिन बाकी सब ठीक था। सुरक्षा के लिए नॉवेल्टी बस स्टेशन पर 12 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। बस स्टेशन के इंट्री और एग्जिट गेट पर 4 गार्ड तैनात हैं। इन गाड्र्स में से 2 के पास राइफल भी थी।

DM साहब की भी सुरक्षा ताक पर

सिटी में हाई अलर्ट होने के बावजूद डीएम ऑफिस में सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नजर नहीं आए। ऑफिस के मेन गेट पर कुछ मेल और फीमेल कॉन्स्टेबल्स नजर तो आए लेकिन आराम के मूड में। ऑफिस परिसर में लोग बेरोकटोक आ-जा रहे थे। वहीं आने-जाने वाले व्हीकल्स की जांच भी नहीं की जा रही थी। सिंगल इंट्री वाले डीएम ऑफिस परिसर में मेटल डिटेक्टर का भी अरेंजमेंट नहीं था। यही नहीं कचहरी और बार एसोसिएशन की पार्किंग में भी सुरक्षा को लेकर जमकर लापरवाही बरती जा रही है।

हॉल की सुरक्षा हवाई

फ्राइडे को थियेटर्स में फस्र्ट डे फस्र्ट शो के लिए बरेलियंस की भीड़ भी दिखी लेकिन सुरक्षा का इंतजाम नहीं था। पार्किंग से लेकर अंदर तक सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था नहीं थी। मेटल डिटेक्टर तो दूर की बात। वहीं एडमिनिस्टे्रशन की ओर से यहां पुलिस कर्मी भी नहीं तैनात किए गए थे।

यहां आने-जाने वालों पर किसी की नजर नहीं

मॉडल जंक्शन की लिस्ट में शामिल बरेली जंक्शन की सुरक्षा व्यवस्था की भी हकीकत अंदर दाखिल होते ही सामने आ जाती है। जंक्शन के इंट्री प्वाइंट पर मेटल डिटेक्टर तो लगा है लेकिन यह केवल शो पीस ही है। किसी आतंकी घटना के बाद महीनों से खराब पड़े इस मेटल डिटेक्टर को ठीक करने की मांग तो उठती है लेकिन नतीजा सिफर ही होता है। रिजर्वेशन काउंटर, क्रॉस ब्रिज, प्लेटफॉर्म कहीं पर भी सिक्योरिटी के इंतजाम नहीं नजर आते हैं। जंक्शन के मेन इंट्रेंस पर लावारिस लगेज भी पड़ा था लेकिन किसी ने भी इसकी सुध नहीं ली।

कचहरी की सुरक्षा में कई छेद

कचहरी में सैकड़ो लोगों का आना जाना लगा रहता है। कोर्ट परिसर के इंट्री गेट पर ही लोगों के व्हीकल्स के लिए पार्किंग बनाई गई है। अक्सर पीएसी के जवान इस पार्किंग के पास डेरा जमाते हैं। फ्राइडे को भी कोर्ट परिसर का माहौल बेफिक्री का था। जिन जवानों को गेट पर मुस्तैद होना चाहिए था, वह परिसर में गप्पे मार रहे थे। परिसर की सुरक्षा के लिए इंट्री प्वाइंट पर मेटल डिटेक्टर की व्यवस्था नहीं है। कुछ मंथ पहले डिस्ट्रिक्ट जज और वकीलों के बीच विवाद होने के बाद कोर्ट कैंपस में सीसीटीवी कैमरे लगाने की बात उठी थी, लेकिन यह हो नहीं सका।

 

तीसरी आंख हुई बंद

हड़ताल खत्म होने के बाद फ्राइडे को सेटेलाइट बस स्टेशन पर पैसेंजर्स की ठीक-ठाक भीड़ थी। सुरक्षा व्यवस्था की बात करें तो बाहर से तो यह चाक-चौबंद दिख रही थी। लेकिन अंदर की हकीकत कुछ और ही निकली। स्टेशन पर 4 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। मगर पावर कट की वजह से बंद थे। ऐसा तब है जब पावर बैकअप के लिए निगम द्वारा जेनरेटर की व्यवस्था की गई है। सिक्योरिटी के लिए तैनात गार्ड रामपाल भी मौके से गायब था। कुछ देर बाद गार्ड मौके पर पहुंचा तो उसने वर्दी नहीं पहनी थी। रात में सिक्योरिटी के लिए निगम द्वारा सेटेलाइट बस स्टेशन पर एक राइफल मैन की ड्यूटी लगाई जाती है।