-पत्थर दिल उसे छोड़ गए नाजरेथ अस्पताल के पास

-हर किसी में तलाशता है अपनों को, लोगों ने उसे नाम दिया मुन्नू

ALLAHABAD: रील और रियल लाइफ में कितना अंतर है? इसका लाइव एग्जाम्पल मुन्नू और मुन्नी की स्टोरी है। मुन्नी रील लाइफ कैरेक्टर थी तो लावारिस मिलने के बाद भी चाइल्ड लाइन भेजना मजबूरी नहीं बनी। रियल लाइफ के कैरेक्टर मुन्नू को लावारिस बनकर अनाथालय जाना पड़ गया। मुन्नी भी बोल नहीं पाती थी और मुन्नू भी। लेकिन, दोनों का ट्रीटमेंट बिल्कुल अलग। हैंडीकैप्ड मुन्नी घर लौटी तो पैरेंट्स ने गले से लगा लिया और मुन्नू को तो उसके घर वाले ही छोड़ गए क्योंकि शायद उसके इलाज पर आने वाला खर्च उनके लिए बोझ था।

न बोल पाता, न चल सकता है

वह न तो बोल पाता है, न चल फिर सकता है। लगभग एक साल का मासूम हर किसी की तरफ हसरत भरी नजरों से देखता है। शायद वह लोगों से पूछता है कि उसका गुनाह क्या था जो अपने उसे बेगाना बनाकर चले गए। कुछ राहगीरों की नजर सोमवार को बिलखते हुए मासूम पर पड़ी तो उसे खाने को कुछ दिया। आसपास तलाशा लेकिन वह पत्थर दिल नजर न आए जो उसे वहां छोड़ गए थे। लोगों ने उसे नाम दे दिया मुन्नू और कंट्रोल रूम को खबर दी। पुलिस तक बात पहुंची तो चाइल्ड लाइन के माध्यम से बच्चा राजकीय बाल गृह शिशु शिवकुटी तक पहुंच गया। हालांकि उसे लावारिस छोड़ने वालों का अब तक पता नहीं चल सका है।

शरीर पर थी सिर्फ काली बनियान

बच्चे पर लोगों की नजर सुबह 8.30 बजे के आसपास गई। वह रो रहा था। आसपास कोई नजर नहीं आया तो लोगों को लगा कि वह बिछड़ गया है। बच्चे के शरीर पर सिर्फ काली बनियान थी। जो प्यार से कुछ बोल देता, मुन्नू उसका हो जाता। लोग उसे कुछ खाने को देते वह उसे लपक लेता। वह खड़ा भी नहीं हो पा रहा था। घुटनों के बल ही लोगों के पास पहुंच जाता था। नाजरेथ अस्पताल के बाहर के लोगों ने पुलिस को बच्चे के मिलने की जानकारी दी। पुलिस ने चाइल्ड लाइन को बुला लिया। चाइल्ड लाइन के मनीष कुमार, आसिफ अहमद व गुंजना मौके पर पहुंचे। राहगीरों ने बच्चे के कपड़े बदले और नहलाकर चाइल्ड लाइन को सौंप दिया। चाइल्ड लाइन के स्वयंसेवकों ने आसपास के लोगों की मदद से जानकारी जुटानी चाही लेकिन सफलता नहीं। इसके बाद चाइल्ड चाइन के स्वयंसेवक बच्चे को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के पास ले गए। वहां से बच्चे को राजकीय बाल गृह शिशु की कस्टडी में दे दिया गया।

सिर्फ बिस्कुट खाता है

मनीष कुमार ने बताया कि बच्चा सिर्फ बिस्कुट ही खाता है। उसकी सेहत देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि उसे कुछ ही देर पहले छोड़ा गया होगा। वह भूखा नहीं लग रहा था। उसके भटक कर आने की संभावना नहीं है। क्योंकि, वह चल नहीं सकता। साफ है कि उसे कोई अस्पताल के पास छोड़ गया है।