AGRA : देश में पर्यटन की दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण स्थान आगरा के लिए यह साल ठीक ही रहा। बेशक आगरा पर्यटन के हाथ सिर्फ एक ही बड़ी उपलब्धि हाथ लगी, ताजगंज प्रोजेक्ट। ताज के आस-पास के एरिया के सौंदर्यीकरण के लिए राज्य सरकार ने क्97 करोड़ रुपए खर्च किए। प्रोजेक्ट तय समय से लेट खत्म हुआ, वह भी कमियों के साथ। वहीं शहर के सबसे बड़े कल्चरल फेस्टिवल ताज महोत्सव का पर्यटन विभाग सफल आयोजन करा सका।

ताज का नूर तो लौटाना है पर बजट नहीं है

ताज सहित अन्य स्मारकों के संरक्षण में लगी एएसआई का हाल भी ख्0क्म् में कुछ ऐसा ही रहा। ताजा के खो रहे नूर को वापस लौटाने के लिए एएसआई मडपैक थैरेपी से इसकी सफाई भी कर रहा है, लेकिन वह भी बजट कमी के कारण अटका पड़ा है। ताज में मडपैक थैरेपी के लिए एएसआई के पास बजट नहीं है। तीन मिनारों को सफेद करने के बाद अब मकबरे की दीवारों और एक मीनार पर लोहे के पाइप तो बांध दिए गए, लेकिन मडपैक नहीं हो रहा।

बैलून फेस्टिवल ने किया चोटिल

वहीं साल के मुख्य आकर्षण में से एक ताज बैलून फेस्टिवल का भी पर्यटन विभाग सफल आयोजन नहीं कर पाया। ख्भ् से फ्0 नवंबर तो आयोजित होने वाले बैलून फेस्टिवल के पहले दिन ही तेज हवा ने बैलून्स को डामाडोल कर दिया। इससे कुछ पर्यटन अधिकारी और पर्यटक घायल भी हुए। वहीं बैलून्स को खेतों में लैंड कराने से किसानों की पर्यटकों से हुई झड़पें भी इसे सुर्खियों में ले आए। पांच दिनों के फेस्टिवल में सिर्फ ब् दिन ही बैलून उड़ पाए। कोहरे के कारण फेस्टिवल को फ् दिन और बढ़ाया गया लेकिन एक भी दिन बैलून्स उड़ान नहीं भर पाए।