- आवेदकों से सुविधा के बदले मांगी जा रही है रकम

- परेशान आवेदक लगा रहे निगम के चक्कर

- शिकायतों की सुनवाई पर मेयर ने लिखा डूडा पीओ को पत्र

GORAKHPUR: प्रधानमंत्री आवास योजना में धनउगाही का खेल सामने आया है। योजना के दायरे में आने के बाद भी जिले में लोगों से धनउगाही की जा रही है। लाभार्थियों का चुनाव निष्पक्षता के साथ करने की बजाए मनमानी की जा रही है। सभी जरूरी योग्यताएं पूरी करने के बाद भी योजना के दायरे में आने वाले एप्लीकेंट्स को डूडा ऑफिस के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। दिए गए इन उदाहरणों के अलावा भी बड़ी संख्या में लोग इस समस्या से परेशान हैं, लेकिन पर्याप्त कार्रवाई नहीं हो रही है। मेयर सीताराम जायसवाल तक कई शिकायतें पहुंचने के बाद उन्होंने मामले में सख्त रवैया अपनाने की चेतावनी दी है।

पैसे दीजिए नहीं तो रुक जाती है फाइल

शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि सर्वे करने वाले कर्मचारी फाइल को आगे बढ़ाने के नाम पर लोगों से पैसे मांगते हैं। पीडि़तों का आरोप है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवेदन करने वाले अगर पैसे दे देते हैं तो फाइल आगे बढ़ जाती है। नहीं ताो कोई न कोई कारण बताकर उसे रोक दिया जाता है। डूडा ऑफिस के खुलते ही ऐसे आवेदकों की दौड़ भाग शुरू हो जाती है जो महीनों तक बिना किसी नतीजे तक पहुंचे चलती रहती है। सर्वे के दौरान अलग-अलग तर्क देकर पब्लिक से धनउगाही की जाती है। विभाग के चक्कर लगाने के बाद हार मान उन्हें सुविधा शुल्क देना पड़ता है।

हो चुकी है कार्रवाई

प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार का मामला कई वार्डो में पब्लिक ने जनप्रतिनिधियों से भी शेयर किया है। बढ़ती शिकायतों को देखते हुए जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन में धनउगाही की शिकायत की थी। जिसके बाद कार्रवाई करते हुए 10 कर्मचारियों को एक साथ निकाल दिया गया था। हाल ही में धनउगाही के आरोप में ही एक और कर्मचारी को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। लेकिन इसके बाद भी शिकायतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।

केस 1

मिर्जापुर पचपड़ेवा निवासी माया सिंह पत्‍‌नी चौहान सिंह ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवेदन किया था। आवेदन जांच की प्रक्रिया के तहत सर्वे करने आए कर्मचारियों ने उन्हें लोन स्वीकृत होने की जानकारी दी और क्षतिग्रस्त मकान की नींव भरवाने की शुरुआत करने को कहकर चले गए। माया सिंह क्षतिग्रस्त मकान को गिरवाने के बाद से इंतजार करती रहीं। महीनों तक जब कोई किस्त नहीं आई तो ऑफिस जाने पर उन्हें पता चला कि उनका लोन निरस्त कर दिया गया है। घटना की जानकारी मेयर को हुई तो उन्होंने जांच के आदेश दिए।

केस 2

वार्ड नंबर 28 निजामपुर चौराहा निवासी दिनेश कुशवाहा ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कच्चे मकान की जगह नया मकान बनाने के लिए आवेदन किया था। आरोप है कि पात्र होने के बाद भी उनसे पैसे मांगे गए। नहीं देने पर फाइल को रोक दिया गया। महीनों दौड़भाग करने के बाद भी जब समस्या का हल नहीं निकला तो दिनेश ने मेयर को जानकारी देकर न्याय की मांग की।

वर्जन

प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ 2022 तक मिलेगा। पात्र आवेदकों को परेशान होने की जरूरत नहीं है, सभी को लाभ मिलेगा। जिन कर्मचारियों पर भी धनउगाही के आरोप लगे हैं, उन्हें कंपनी को सूचित कर निकाल दिया गया है। अभी तक 11 निकाले गए हैं। दोषी पाए जाने पर आगे भी कार्रवाई होगी।

- तेज कुमार, डूडा परियोजना अधिकारी

प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार के बारे में डूडा निदेशक को पत्र लिखा था लेकिन अभी तक उनका कोई जवाब नहीं मिला है। यह आपत्तिजनक है, डूडा परियोजना अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

- सीताराम जायसवाल, मेयर