-- कैबिनेट की मीटिंग में लिया गया निर्णय

-2005 की स्पेशल इकोनॉमिक जोन पॉलिसी राज्य में लागू

-पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा नेतरहाट का शैले हाउस

रांची : राज्य सरकार ने मान्यता प्राप्त मदरसों और संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों और कर्मियों को पेंशन देने को लेकर अक्टूबर 2014 में जारी संकल्प को निरस्त करने का निर्णय लिया गया। हालांकि उक्त संकल्प जारी होने के बावजूद इन शैक्षणिक संस्थानों के शिक्षकों और कर्मियों को पेंशन नहीं मिल रही थी। इसे लेकर मदरसा शिक्षक व कर्मी उच्च न्यायालय गए थे। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में राज्य सरकार को समुचित निर्णय लेने को कहा, जिसके बाद सरकार ने उक्त संकल्प रद करने का निर्णय लिया। बता दें कि उक्त संकल्प पर महालेखाकार ने यह कहते हुए आपत्ति जता दी थी कि मदरसा और संस्कृत विद्यालयों के शिक्षक और कर्मी सरकारी सेवक नहीं हैं। मंगलवार को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इसपर स्वीकृति मिली। अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में वर्ष 2003 में बनाई गई स्पेशल इकोनॉमिक जोन पॉलिसी को रद करने पर सहमति बनी। यह पॉलिसी अभी तक लागू भी नहीं हो पाई थी। वहीं, राज्य सरकार ने अब वर्ष 2005 में केंद्र द्वारा लागू स्पेशल इकोनॉमिक जोन (सेज) को ही अंगीकार करने का निर्णय लिया है। केंद्र ने इसके लिए 2005 में एक्ट और 2006 में नियमावली लागू की थी।

आदिवासी बहुल जिलों के लिए 50-50 करोड़

राज्य सरकार ने आदिवासी बहुल छह जिलों के विकास के लिए 50-50 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज देने का निर्णय लिया है। अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने कहा कि इनमें से चार जिलों में 65 फीसद से अधिक आदिवासी हैं। बाकी दो जिले पिछड़े भी हैं। उनके अनुसार, स्पेशल स्कीम के तहत इन छह जिलों को लगातार तीन वर्ष तक 50-50 करोड़ रुपये अनटाइड फंड के रूप में मिलेंगे। इसमें उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित कमेटी योजनाओं का चयन करेगी। राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी योजनाओं पर अंतिम स्वीकृति प्रदान करेगी। जिन छह जिलों को विशेष पैकेज मिलेगा उनमें खूंटी, गुमला, प। सिंहभूम, पाकुड़, साहिबगंज और सिमडेगा शामिल हैं।

शैले हाउस बनेगा पर्यटन केंद्र

कैबिनेट की बैठक में लातेहार के नेतरहाट में स्थित शैले हाउस को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए इसे पर्यटन विभाग को सौंपने की स्वीकृति मिली। पूर्व में इस शैले हाउस को बिहार एवं ओडिशा के लेफ्टिनेंट जनरल के अस्थायी आवास के रूप में उपयोग होता था। बाद में इसे लातेहार के उपायुक्त का अस्थायी आवास बना दिया गया था। नेतरहाट विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठकों में कई बार यह मामला उठा था, जिसमें इसे विद्यालय को वापस करने की मांग उठी थी।

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महिला पर्यवेक्षक बन सकेंगी सीडीपीओ

अब महिला पर्यवेक्षक भी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (सीडीपीओ) बन सकेंगी। राज्य सरकार ने झारखंड बाल विकास परियोजना पदाधिकारी सेवा शर्त नियुक्ति नियमावली में इसका प्रावधान किया है। इसके तहत सीडीपीओ के 75 फीसद पदों पर सीधी भर्ती होगी। इनमें से 50 फीसद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे। वहीं, 25 फीसद पदों को महिला पर्यवेक्षिकाओं की प्रोन्नति से भरा जाएगा। सीधी नियुक्ति में साक्षात्कार के प्रावधान को भी हटा दिया गया है। जेपीएससी से होनेवाली नियुक्ति में पहले 100 अंक का साक्षात्कार होता था। अब 250 अंकों की सिर्फ लिखित परीक्षा होगी।

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दो निजी विश्वविद्यालयों को एलओआइ

कैबिनेट ने दो निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए लेटर ऑफ इंटेंट देने के लिए अध्यादेश लाने की स्वीकृति प्रदान की। इसके तहत चौधरी चरण सिंह एजुकेशन सोसाइटी कोडरमा में कैपिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना करेगी। वहीं, रामकृष्ण धर्मार्थ फाउंडेशन (आयुष्मति एजुकेशन एंड सोशल सोसाइटी) भी झारखंड में यूनिवर्सिटी की स्थापना करेगा। इसके लिए अभी जगह तय नहीं हुई है।

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अपुनरीक्षित वेतनमान में कार्यरत कर्मियो को 268 फीसद डीए

कैबिनेट ने अपुनरीक्षित वेतनमान (पांचवें वेतनमान) में काम कर रहे सरकारी कर्मियों को 268 फीसद तथा 274 फीसद महंगाई भत्ता देने की स्वीकृति प्रदान की। यह 1 जनवरी 2018 से लागू होगा।

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कैबिनेट के अन्य निर्णय

- देवघर के बाबा मंदिर परिसर में शिव कांप्लेक्स के निर्माण के लिए 32.12 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत हुई थी। इसमें केंद्र सरकार से 23.71 करोड़ रुपये मिलने थे। लेकिन केंद्र ने 11.85 करोड़ रुपये देने के बाद योजना बंद कर शेष राशि देने से इन्कार कर दिया। अब राज्य सरकार ने अपने बजट से शेष राशि वहन करने का निर्णय लिया।

- श्रावणी मेले के अवसर पर देवघर तथा दुमका में 23 ओपी तथा 14 ट्रैफिक ओपी स्थापित करने की स्वीकृति मिली। इसके लिए अलग से पद सृजित नहीं होंगे। वहां पहले से कार्यरत कर्मी ही इनमें पदस्थापित होंगे।

- बोकारो के गोमिया में 3.51 एकड़ जमीन ओएनजीसी को देने की स्वीकृति। ओएनजीसी का यहां मिथेन गैस का प्रस्तावित प्रोजेक्ट है।

- गोड्डा और गिरिडीह में नया समाहरणालय के लिए राशि की स्वीकृति। गोड्डा में समाहरणालय निर्माण पर 38 करोड़ तथा गिरिडीह में इसके निर्माण पर 35.55 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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