आपकी कोशिशें बेकार हैं

सालों से ताज सिटी में विदेशी मेहमान को नाइट स्टे के लिए भी रोका जा सके, इसकी मांग उठती रही है। यह मांग भी ताज सिटी होने के बावजूद ताज सिटी के हाथों में टूरिज्म सेक्टर की बड़ी कमाई फिसलती रही है। दिल्ली में स्टे करने वाले टूरिस्ट को आगरा में ठहराने की कोशिशें भी तेज हुईं। सदर में नाइट बाजार कल्चर के साथ बटेश्वर और ताजमहल के नजदीक घाट पर हरिद्वार में होने वाली गंगा आरती की तर्ज पर यमुना की आरती भी शुरू की गई। लेकिन, ये कोशिशें सब बेकार हैं। ये रौनक अब किस काम की?

दुकान बंद ही कर दें

आपकी दुकान है तो भी दिन में पंखा झलने और शाम को ताला मारकर घर जाने की तैयारी कर लें। दोपहर में धूप लोगों को निकलने नहीं देगी और शाम सात बजे के बाद आपको दुकान खोलने की इजाजत भी नहीं होगी। चिलचिलाती धूप के बीच जो वक्त मिलेगा वह सिटी में जाम के हालात कस्टमर्स को आपकी दुकान तक पहुंचने में रोड़ा अटकाए खड़े होंगे। बेहतर है नए फरमान को देखते हुए दुकान पर ताला जड़ दें। क्योंकि, इस फरमान के बाद आप किस-किस से उलझेंगे। पुलिस आपको दुकान खोलने नहीं देगी। लेबर कानून तोडऩे का आपका डंडा चलने अलग से डर बना रहेगा।

करोड़ों का नुकसान भी

आमतौर पर आगरा में रोजाना करीब 40 करोड़ का कारोबार होता है। इसमें रिटेल सेक्टर का 80 फीसदी कारोबार तो शाम सात बजे के बाद ही होता है। शाम सात बजे बाजार बंद करने के आदेश से रोजाना करीब 25 से 30 करोड़ रुपए का बाजार भी चौपट तय मानिए। सिटी के सदर के नाइट बाजार क्या, यहां की शॉपिंग के साथ इवनिंग की रौनक भी गुजरे जमाने की बात होगी। गुलजार होने का शाम तक इंतजार करने वाले राजामंडी, संजय प्लेस, राजपुर चुंगी, शाहगंज जैसे बाजार तो बेनूर होंगे।

शॉपिंग पर कब ले जाओगे?

नौकरीपेशा हैं तो आपके लिए एक नई मुसीबत। ऑफिस से निकलने के बाद जाम से जंग के लिए तैयार रहें। सिटी की रोड्स पर जाम से आप एक बार की नहीं, दोतरफा मार की तैयारी करें। एक घंटे जाम से जूझने के बाद घर पहुंच भी गए तो फिर एक घंटे में जाम से जूझते हुए फैमिली को सिटी के बाजार में शॉपिंग कराने का चैलेंज आपके सामने होगा। तय मानिए कि ऑफिस से आने के बाद दो पल सुकून भी आपसे छिनने वाले हैं। आप हिम्मत हार बैठे तो फिर वीक एंड पर पूरे सप्ताह की थकान मिटाना आपका सपना ही बनकर रह जाएगा। साथ ही घर में ताने के लिए भी अपने कानों को तैयार रखें कि शॉपिंग कब करोओगे?

अब दुकानदार के पास सिर्फ पंखा झलने के अलावा कोई काम नहीं बचेगा। शाम को जब कस्टमर आने का वक्त होता है तब दुकानें बंद करने की मजबूरी उनके सामने होगी। नौ बजे तक बाजार खुलने की इजाजत होनी चाहिए।

गोविंद अग्रवाल, प्रेसीडेंट, आगरा मंडल व्यापार संगठन