रिटर्न जमा न करने वाले व्यापारियों का रोका जाएगा ई-वे बिल, जीएसटी काउंसिल के निर्णय से व्यापारी खफा

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PRAYAGRAJ: जीएसटी को पूरे प्रभाव के साथ लागू करने और टैक्स वसूली बढ़ाने के लिए जीएसटी काउंसिल ने सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है. जीएसटी में रजिस्टर्ड जिन व्यापारियों द्वारा लगातार दो महीने या उससे अधिक समय से रिटर्न नहीं जमा किया जा रहा है, ऐसे व्यापारियों और उनकी फर्मो का ई-वे बिल रोकने का निर्णय लिया गया है. रिटर्न जमा न करने वाले व्यापारियों का ई-वे बिल जेनरेट नहीं होगा. जीएसटी काउंसिल के इस निर्णय से व्यापारियों में आक्रोश है.

कंपोजिशन में शामिल व्यापारी भी प्रभावित

जीएसटी काउंसिल के नए निर्णय के अनुसार सामान्य व्यापारी के साथ ही कंपोजीशन स्कीम में पंजीकृत व्यापारी भी इस आदेश के दायरे में आएंगे. जिन व्यापारियों ने लगातार दो अवधि यानी छह महीने तक रिटर्न नहीं दाखिल किया है, उनका भी ई-वे बिल जेनरेट नहीं होगा. इस पर व्यापारी नेताओं का कहना है कि जीएसटी काउंसिल का यह फैसला गलत है. वित्त मंत्रालय का टैक्स वसूली सिस्टम ही फेल है तो फिर व्यापारी क्या करें. आनलाइन सुविधा जीएसटी लागू होने के डेढ़ वर्ष बाद भी सुधर नहीं पाई है. आए दिन सर्वर फेल रहता है और व्यापारी रिटर्न फाइल नहीं कर पाते. व्यापारियों की शिकायत पर ही जीएसटीआर-3बी भरने की लास्ट डेट बढ़ानी पड़ती है.

जीएसटी पोर्टल अक्सर काम नहीं करता. सर्वर फेल रहता है. जीएसटी काउंसिल व्यवस्था में सुधार नहीं कर पा रहा है और व्यापारियों को परेशान करने का एक और आदेश जारी कर दिया गया है.

संतोष पनामा

संयोजक, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार कल्याण समिति

प्रत्येक महीने की 20 तारीख जीएसटीआर-3बी के लिए निर्धारित है. लास्ट डेट से चार-पांच दिन पहले ही पोर्टल काम करना बंद कर देता है. व्यापारी चाहकर भी रिटर्न जमा नहीं कर पाता है. ई-वे बिल रोकने का आदेश गलत है. इसका असर व्यापार पर पड़ेगा.

सतीश चंद्र केसरवानी

अध्यक्ष, गल्ला एवं तिलहन संघ