कम्पलसरी सŽजेक्ट है एन्वायरमेंटल स्टडीज
सुप्रीम कोर्ट के डाइरेक्शन पर यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (यूजीसी) द्वारा अंडर ग्रेजुएट स्टूडेंट्स के लिए छह महीने का कोर्स वर्ष 2003 में लांच किया था। सभी यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स के लिए सŽजेक्ट की पढ़ाई और उसे पास करना भी कम्पलसरी है। मतलब यह कि एन्वायरमेंटल स्टडीज में पास नहीं होने वाले स्टूडेंट्स फेल कर दिए जाएंगे। इसके बावजूद हालात यह हैं कि इस कम्पलसरी सŽजेक्ट की पढ़ाई कॉलेजेज में सही ढंग से नहीं हो रही है, लेकिन स्टूडेंट्स पास हो रहे हैं।

लेकिन पास हो रहे students
यूजीसी की गाईड लाइन के मुताबिक छह महीने के इस कम्पलसरी कोर मॉड्यूल कोर्स एन्वायरमेंटल स्टडीज की ग्रेजुएशन थर्ड इयर में पढ़ाई करवानी है। टीचर्स की कमी के बावजूद यूजीसी की गाइडलाइन के आधार पर यूनिवर्सिटी द्वारा एग्जाम कंडक्ट किया जा रहा है और स्टूडेंट्स पास भी हो रहे हैं।

नहीं होता फिल्ड वर्क
टीचर्स की कमी के कारण किसी भी कॉलेज में इस सŽजेक्ट की पढ़ाई नहीं हो रही है। हालांकि, कॉलेजेज का कहना है कि कॉलेज में इसकी पढ़ाई होती है और एग्जाम भी लिया जाता है। बता दें कि 100 माक्र्स के इस सŽजेक्ट में 25 माक्र्स फिल्ड वर्क के लिए होते हैं, लेकिन कॉलेज द्वारा फिल्ड वर्क कंडक्ट नहीं कराया जाता है।

इन topics पर होनी है पढ़ाई
एन्वायरनमेंटल स्टडीज के तहत एन्वायरनमेंटल पॉल्यूशन, लॉस ऑफ फॉरेस्ट, सॉलिड वेस्ट डिस्पोजल, डिग्रेडेशन ऑफ एन्वायरनमेंट, ग्लोबल वार्मिंग, डिप्लेशन ऑफ ओजोन लेयर व लॉस ऑफ बायो डायवर्सिटी, इको सिस्टम, सोशल इश्यूज एंड द एन्वायरनमेंट सहित कई दूसरे टॉपिक्स हैं, जिनकी पढ़ाई स्टूडेंट्स को करवानी है, ताकि वे इसके प्रति अवेयर हो सकें।

एन्वायरमेंटल स्टडी बायोलॉजी, ज्योग्राफी, फिजिक्स व केमिस्ट्री से जुड़ा है। मैं कॉलेजेज को सजेस्ट करूंगी कि वे टीचर्स से इस कम्पलसरी सŽजेक्ट का क्लास कंडक्ट करने के लिए कहें। केयू भी टीचर्स के अप्वाइंटमेंट के लिए एचआरडी को लेटर लिखेगा। इसके अलावा नौ मई को होने वाली एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में भी मैं इस बात को रखूंगी।
-डॉ शुक्ला मोहंती, प्रोवीसी, कोल्हान यूनिवर्सिटी

एन्वायरमेंटल स्टडीज के टोटल 100 माक्र्स में से 25 माक्र्स फिल्ड वर्क और बाकी थ्योरी के लिए होते हैं। हालांकि, टीचर्स की कमी के कारण फिल्ड वर्क नहीं हो पा रहा है।
-उषा शुक्ला, प्रोफेसर इंचार्ज, ग्रेजुएट कॉलेज

स्टूडेंट्स खुद से ही पढ़ाई कर एग्जाम में अपीयर होते हैं। कॉलेज इस सŽजेक्ट में क्लास कंडक्ट कर पाने में अक्षम है।
-आशा मिश्रा, प्रोफेसर इंचार्ज, महिला कॉलेज चाईबासा

Report by: goutam.ojha@inext.co.in

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