RANCHI: हर साल सिटी के आईटीआई और खादगढ़ा बस स्टैंड से नगर निगम को लाखों रुपए के राजस्व की कमाई होती है लेकिन इसके बावजूद बस स्टैंड की स्थिति बदतर बनी हुई है। प्रतिदिन इन बस पड़ावों से 20 हजार से ज्यादा लोगों का आना-जाना होता है लेकिन इसके बावजूद मात्र एक शौचालय की व्यवस्था है। हालत ऐसी हो जाती है कि सुबह से ही शौचालय के पास लाइन लगी रहती है। गंभीर मामला यह है कि ऐसी विकट परिस्थिति में भी यदि कोई खुले में लघुशंका करते हुए पकड़ा गया तो उससे फाइन लिया जाता है। साथ ही उस व्यक्ति की फजीहत भी खूब होती है।

सुविधा नदारद, फाइन 100 रुपए

इन बस स्टैंडों में यात्रियों के लिए कौडि़यों की सुविधाएं नहीं है लेकिन गलती करने पर 100 रुपया फाइन वसूला जाता है। इससे प्रतिदिन हजारों यात्रियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। लोग क्या करें उनकी समझ में नहीं आ रहा।

गंदगी का अंबार

बस पड़ाव परिसर की साफ -सफाई न के बराबर होती है। पूरे परिसर में कूड़े-कचरे का अंबार लगा हुआ है। कूड़े के ढेर से उठती बदबू यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। परिसर स्थित प्रतीक्षालय अघोषित मूत्रालय बन चुका है। यात्री मूत्रालय नहीं रहने के कारण बेरोक टोक इस प्रतीक्षालय का उपयोग मूत्रालय के लिए रूप में करते हैं।

नगर आयुक्त के आदेश की धज्जियां

पूर्व नगर आयुक्त शांतनु अग्रहरि ने सभी अधिकारियों को पत्र भेज कर बस पड़ाव के अंदर मूल भूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का आदेश दिया था, लेकिन जिले में यह आदेश लागू नहीं हो सका।

बस चालकों में आक्रोश

बस स्टैंड की बदहाल स्थिति में कोई सुधार के प्रयास नहीं होने और ऊपर से प्रशासन द्वारा लाठी चलाने की कार्रवाई के खिलाफ बस स्टैंड के चालक और कर्मियों के बीच आक्रोश पनप रहा है।

वर्जन

आसपास के जिलों में आवागमन करने के लिए बस ही एकमात्र साधन है। हर दिन हजारों लोग आते-जाते हैं लेकिन यहां शौचालय-मूत्रालय की सुविधा का घोर अभाव है। लोग अगर जल्दी में खुले में लघुशंका करते पकड़े गए तो बेइज्जती भी खूब की जाती है।

प्रकाश कुमार

महिला यात्रियों के साथ बहुत दिक्कत है। हमको पढ़ाने के लिए प्रतिदिन गुमला जाना पड़ता है, कई बार घंटों बस का इंतजार भी करना पड़ता है। ऐसे में शौचालय नहीं रहने के कारण बहुत दिक्कत होती है।

मनीषा टोप्पो