RANCHI: जिले में दुपहिया वाहन चालक अपनी जेबों पर जुर्म कर रहे हैं, लेकिन हम नहीं सुधरेंगे की तर्ज पर चल रहे हैं। वाहन चे¨कग व संदिग्धों की रोकथाम के लिए अभियान चलते हैं, जिससे हर महीने वाहनों के चालान के साथ-साथ लाखों का शमन शुल्क भी बढ़ रहा है, मगर स्थिति में रत्ती भर भी सुधार नहीं है। साल ख्0क्7 में जहां हर माह एक लाख से ज्यादा की वसूली हो रही है। वहीं मार्च और अप्रैल में यह आंकड़ा बेतहाशा बढ़ चुका है।

अभियान का नहीं दिख रहा असर

जिले में भी शायद ही ऐसा कोई दिन गुजरता होगा, जब पुलिस चे¨कग अभियान नहीं चलाती होगी। थाना पुलिस के साथ-साथ यातायात विभाग भी अलग-अलग अभियान चलाता है। हर साल एक नवंबर से तीस नवंबर तक रांची समेत पूरे झारखंड में यातायात माह मनाया जाता है। जिसमें वाहन चालकों को यातायात नियमों के बारे में तरह-तरह से समझाया जाता है, साथ ही न समझने वालों को इससे होने वाले नुकसान के बारे में भी विस्तार से बतलाया जाता है। मगर अफसोस इस तरह की मुहिमों का कोई फर्क यहां नहीं पड़ता। या कहें वाहन चालक खुद को सुधारना ही नहीं चाहते। यदि जुर्माने व चालान को दरकिनार भी कर दें तो हर साल सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या भी बहुत तेजी से बढ़ रही है।

90 परसेंट यूथ तोड़ रहे रूल

डीएसी राधा प्रेम किशोर के मुताबिक ये बेहद गंभीर बात है कि यातायात नियमों का पालन करने में युवा बेहद फिसड्डी साबित हो रहे हैं। वाहन चे¨कग में 90 फीसदी युवा ही होते हैं, जो न तो वाहन के कागज रखते हैं और न ही उनके पास ड्राइ¨वग लाइसेंस होता है। उन्होंने बताया कि चे¨कग का मकसद जुर्माना करना नहीं, बल्कि सिर्फ यह मैसेज देना होता है कि लोग यातायात नियमों का पालन करें। वाहन चलाते वक्त हर वह जरूरी चीज साथ रखें, जो कानूनी तौर से जरूरी है।

एक घंटे में क्000 वाहनों पर भ्0 हजार फाइन

शुक्रवार को ट्रैफिक एसपी के निर्देश पर जिले के विभिन्न इलाकों में चेकिंग अभियान चलाया गया। जिनमें से एक हजार वाहनों को चेक किया गया। इस दौरान पुलिस ने हेलमेट, लाइसेंस, प्रदूषण समेत कई चीजें देखीं। यातायात विभाग ने सभी से जुर्माना वसूला फिर छोड़ दिया गया।