RANCHI: दुर्गा पूजा में शहर की सफाई व्यवस्था देखने लायक थी। सुबह से रात तक तीन-तीन बार सफाई कराई जा रही थी। लेकिन पूजा खत्म होते ही सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई है। स्थिति यह है कि जहां रेगुलर सफाई हो रही थी वहां सफाई कर्मी झांकने तक नहीं आए हैं। इस वजह से जगह-जगह कचरे का अंबार लगा पड़ा है। अब देखना यह होगा कि सिटी में फिर से सफाई व्यवस्था दुरुस्त कब होती है।

सिटी की सफाई को 2000 मजदूर

सिटी में सफाई का जिम्मा आरएमएसडब्ल्यू और रांची नगर निगम के जिम्मे है। इसके लिए पूरी सिटी में 2000 मजदूरों की ड्यूटी लगाई गई है। जहां 33 वार्डो में आरएमएसडब्ल्यू के स्टाफ्स सफाई कर रहे हैं। वहीं 20 वार्डो में निगम के सफाई कर्मी घरों से कचरा कलेक्ट करने में जुटे हैं। इसके बावजूद पूरे शहर में दो दिनों से कचरे का उठाव नहीं हो पा रहा है।

छुट्टी के मूड में हजारों स्टाफ

पूजा को देखते हुए सफाई कर्मियों की स्पेशल ड्यूटी लगाई गई थी, जो सुबह से रात तक तीन शिफ्ट में सफाई करने में लगे थे। एक-एक मजदूर को ओवरटाइम तक करना पड़ा। ऐसे में पूजा खत्म होते ही वे लोग भी छुट्टी के मूड में हैं। लेकिन उनके होलीडे का खामियाजा आम पब्लिक को भुगतना पड़ रहा है। वहीं दिवाली सिर पर होने से लोगों की टेंशन बढ़ गई है।

एजेंसी को दिया आदेश बेअसर

सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए आरएमएसडब्ल्यू को 22 अक्टूबर तक का समय दिया गया था। साथ ही नगर आयुक्त ने आदेश दिया था कि 22 अक्टूबर तक सफाई दुरुस्त नहीं की जाती है तो एजेंसी पर कार्रवाई की जाएगी। इसके बावजूद एजेंसी सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने को लेकर गंभीर नहीं है।

क्या कहती है पब्लिक

नगर निगम केवल आम पब्लिक पर ही कार्रवाई करेगा। अगर कोई गंदगी फैलाए तो उसपर फाइन लगाया जाएगा। लेकिन एजेंसी सफाई नहीं कर रही है तो उसे कोई पूछने वाला नहीं है। जबकि सफाई करने के लिए ही एजेंसी को करोड़ों रुपए दिए जाते हैं।

राहुल सोनी

जब सर्वे का टाइम आता है तो नगर निगम रेस हो जाता है। लेकिन अन्य दिनों में सफाई को लेकर नगर निगम सोया रहता है। आखिर नगर निगम ऐसी एजेंसी को काम क्यों नहीं देता कि सफाई बेहतर हो। उन अधिकारियों पर भी कार्रवाई करने की जरूरत है जो इसकी मॉनिटरिंग करते हैं।

विकास सिंह राजपूत