-जेई बहाली में नए कैंडिडेट को नहीं मिलेगा मौका

क्कन्ञ्जहृन्: एक बार फिर से बिहार से पॉलिटेक्निक करने वाले फ्रेश स्टूडेंट्स जेई की नियुक्तिसे वंचित रह जाएंगे। क्योंकि इन पदों पर नियम के अनुसार पहले संविदा पर काम करने वालों की स्थायी बहाली होगी। इसके बाद 35 परसेंट सीटें पर महिला रिजर्वेशन के तहत महिलाओं की नियुक्तिहोगी। और अंत में जो पद बचेगा उस पर पॉलिटेक्निक करने वाले फ्रेश कैंडिडेट की बहाली होगी। यानी 2011 के बाद से जो पॉलिटेक्निक होल्डर्स बहाली की बाट जोह रहे हैं वे एक बार फिर जॉब से वंचित रह जाएंगे। जबकि बिहार सरकार यह दावा करेगी कि 4556 पदों पर जेई की बहाली कर बेरोजगारी कम किया है। आज दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की स्पेशल रिपोर्ट में पढि़ए जेई बहाली से संबंधित विभिन्न पहलुओं की सच्चाई।

130 दिनों तक आंदोलन चलने के बाद भी काई असर नहीं

सही मेधा को अवसर नहीं

इस पूरी नियुक्तिप्रक्रिया में सबसे बड़ा दोष यह भी है कि मेधा प्राप्त कैंडिडेट्स के लिए कोई अवसर नहीं होगा। जानकारी हो कि वर्ष 2011 तक जेई की नियुक्तिलिखित परीक्षा के आधार पर की जाती रही थी। लेकिन वर्ष 2015 में इस नियुक्तिप्रक्रिया में बदलाव लाया गया है। इसके अनुसार पॉलिटेक्निक डिप्लोमा प्राप्त

स्टूडेंट्स को मात्र शैक्षणिक प्रमाण पत्रों में प्राप्त मा‌र्क्स के आधार पर स्थायी नियुक्तिकी जाएगी। लिखित परीक्षा नहीं होने से प्राइवेट कॉलेजों के स्टूडेंट्स जिनसे मोटी फीस लेकर मनचाहा अंक दिया जाता है या फर्जी डिग्री वालों का राज चलेगा। इससे सही मेधा को जगह नहीं मिलेगा।

प्रक्रिया से ही होंगे बाहर

जानकारी हो कि लिखित परीक्षा की बजाय नंबर के आधार पर नियुक्तिके कारण गरीब परिवार के मेधावी बच्चे हर बार की तरह इस बार भी नियुक्ति प्रक्रिया से ही बाहर हो जाएंगे। इस मामले को लेकर बिहार पॉलिटेक्निक छात्र संघ के बैनर तले 130 दिनों तक आंदोलन चला, राज्यभर में जगह- जगह ह्यूमन चेन बनाया गया। इसके बावजूद सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। इसके उपरांत इसके खिलाफ हाईकोर्ट में विभिन्न संस्थानों की ओर से पीआईएल भी दायर किया गया है।

हर साल 9600 नए बेरोजगार

इस पूरे मामले में मेधा को जगह नहीं मिलने और सर्टिफिकेट वालों को स्थायी नौकरी देने सहित रोजगार के नाम पर सरकार के उदासीन रवैए के खिलाफ बिहार पॉलिटेक्निक छात्र संघ के मीडिया प्रभारी दीपक कुमार ने कहा कि बिहार में 32 पॉलिटेक्निक कॉलेज है और हर कॉलेज में पांच ब्रांच है जिसमें प्रति ब्रांच 60 सीटें हैं। इस आधार पर हर साल 9600 पॉलिटेक्निक डिप्लोमा होल्डर सड़क पर रोजगार ढूंढ़ रहे है। बिहार में जेई की नियुक्ति के लिए 2008 के बाद से कोई स्थायी नियुक्तिनहीं निकली। इससे डिप्लोमा स्टूडेंट्स की बेरोजगारी की भयावह तस्वीर सामने है।

सरकार बेरोजगारों के साथ धोखा कर रही है। वह मेधावियों को चुनने की बजाय प्रमाण पत्रों को जॉब दे रही है। दूसरी ओर हजारों की संख्या में बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

-अनुभव राज, राष्ट्रीय संयोजक अखिल भारतीय तकनीकी युवा छात्र संघ

नियमावली में अंक आधारित नियुक्ति की बात है। इसमें विभाग बदलाव के लिए अपने स्तर पर निर्णय नहीं ले सकता है। यह सरकार का निर्णय है।

-अरुण कुमार, प्रधान सचिव, जल संसाधन विभाग