- नेक्स्ट वीक में ऑनलाइन माइग्रेशन अप्लीकेशन फॉर्म भरवाने की तैयारी

- कंप्यूटर मिलने के साथ ही संबंधित कर्मचारियों और अधिकारियों की बनी डिजिटल सिग्नेचर

GORAKHPUR: गोरखपुर यूनिवर्सिटी में माइग्रेशन के लिए स्टूडेंट्स को अब ज्यादा पापड़ नहीं बेलने पड़ेंगे. उनके पास ऑनलाइन अप्लाई करने का ऑप्शन होगा, तो वहीं माइग्रेशन बनने के बाद इसको डायरेक्ट कलेक्ट करने की सुविधा. इस व्यवस्था को अमली जामा पहनाने के लिए यूनिवर्सिटी ने तैयारियां तेज कर दी हैं. इसके लिए की जाने वाली तैयारियों की बात करें तो यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने संबंधित विभाग को कंप्यूटर जारी कर दिए हैं, वहीं जो कर्मचारी इस काम को देखेंगे उनको जिम्मेदारी भी दी जा चुकी है. उम्मीद है कि अगले हफ्ते से यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी.

ऑनलाइन करना होगा अप्लाई

गोरखपुर यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को कहीं बाहर एडमिशन के लिए अगर माइग्रेशन की जरूरत पड़ती तो उन्हें यूनिवर्सिटी नहीं आना है, बल्कि वेबसाइट पर जाना है. यहां जाने के बाद उन्हें माइग्रेशन के लिए ऑनलाइन ही अप्लाई करना होगा. इस दौरान उन्हें मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी भी देनी होगी, जिसके बाद माइग्रेशन तैयार होते ही उन्हें इंटीमेशन मिलेगा और वह जाकर अपना माइग्रेशन कलेक्ट कर सकेंगे. इस व्यवस्था से स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी से बेवजह दौड़ लगाने से आजादी मिलेगी और उनका वक्त भी बचेगा.

बन चुका है डिजिटल सिग्नेचर

गोरखपुर यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स को जो भी माइग्रेशन जारी करते हैं, उनका डिजिटल सिग्नेचर भी बनाया जा चुका है. इसमें अधिकारी और कर्मचारी दोनों ही शामिल हैं. स्टूडेंट्स को फिलहाल माइग्रेशन की हार्डकॉपी यूनिवर्सिटी से ही प्रोवाइड कराए जाने की तैयारी है. ऐसा इसलिए कि अगर यूनिवर्सिटी ई-मेल या दूसरे मीडियम से स्टूडेंट्स को डिजिटल माइग्रेशन जारी करती है, तो कैंडिडेट्स एक से ज्यादा जगहों पर उनका इस्तेमाल कर सकते हैं. इस प्रॉब्लम से निपटने के लिए यूनिवर्सिटी ने फिलहाल यूनिवर्सिटी से ही माइग्रेशन जारी करने के निर्देश दिए हैं.

स्टैटिस्टिक -

रोजाना 5-10 आते हैं आवेदन

महीने में 200 से 300 तक बनते हैं सर्टिफिकेट

एक माइग्रेशन की 100 रुपए वसूली जाती है फीस

स्टूडेंट्स माइग्रेशन के लिए घर बैठे अप्लाई कर सकें, इसकी तैयारी पूरी की जा चुकी है. डिजिटल सिग्नेचर भी बन गए हैं, वहीं विभाग में कंप्यूटर भी लगवा दिया गया है. इसी वीक इसे शुरू करने की तैयारी है.

- सुरेश चंद्र शर्मा, रजिस्ट्रार, गोरखपुर यूनिवर्सिटी