-भूटान के धर्मगुरु और सीएम नीतीश ने किया शिलान्यास

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क्चढ्ढ॥न्क्त्रस्॥न्क्त्रढ्ढस्नस्न/क्कन्ञ्जहृन् : राजगीर में दो एकड़ में भूटान मोनेस्ट्री टेंपल का शिलान्यास सीएम नीतीश कुमार ने किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भूटान की संस्कृति और सभ्यता अपनाने की जरूरत है। वहां दौलत नहीं हैप्पीनेस की बात की जाती है। वहां कोई चाहे कितने बड़े क्यों न हों, कितनी भी संपत्ति वाले हों, पर वहां के कल्चर में सबसे ज्यादा पर्यावरण और हैप्पीनेस पर ध्यान दिया जाता है। यह भारत समेत अन्य देशों के लिए भी अनुकरणीय है। उन्होंने बताया कि राजगीर में भूटानी टेंपल बनने से दोनों देश के रिश्ते और मजबूत होंगे। भूटान में ग्रास हैप्पीनेस सूचकांक से देश के लोगों की खुशहाली मापी जाती है। नीतीश ने कहा कि भारत और भूटान के बीच मैत्री संबंध स्थापित किए आज 50 वर्ष हो गए। इसी गोल्डन जुबली के मौके को यादगार बनाने के लिए राजगीर में भूटान मोनेस्ट्री टेंपल की बुनियाद रखी गई है। इस मंदिर के लिए बिहार सरकार ने भूटान सरकार को दो एकड़ जमीन मुहैया कराई है। सीएम ने कहा कि जब वे 2011 में भूटान गए तो वहां का कल्चर व संस्कृति देखकर काफी प्रभावित हुए थे। वहां पर पर्यावरण और हैप्पीनेस बनाए रखने की सभ्यता की पढ़ाई की जाती है। सीएम ने कहा कि राजगीर में भूटान का टेंपल वास्तु व शिल्प के लिहाज से पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र होगा। उन्होंने भूटान के धर्मगुरू और वहां से आए हजारों प्रतिनिधियों का अभिवादन करते हुए कहा कि राजगीर की पंच पहाडि़यों के बीच जू सफारी बनाने के अलावा ग्रीन सफारी बनाया जा रहा है।

लोगों को भी होगा फायदा

बोधगया व राजगीर में बुद्ध से जुड़ी कई स्मृतियों को स्थापित किया गया है। आने वाले दिनों में वैशाली व पटना में भी बुद्ध की स्मृति से जुड़ी कई यादें संग्राहालय में देखने को मिलेंगी। उन्होंने धर्मगुरु व अन्य भूटानी पर्यटकों से आग्रह किया कि आपके दिए गए उपदेश से बिहार के लोगों को भी फायदा होगा। यहां के लोग भी पर्यावरण संरक्षण के रास्ते पर चलने को बाध्य होंगे। आज पर्यावरण असंतुलन के कारण देश के जो हालात हो गए हैं, यह किसी से छिपी नहीं है। मिलकर पर्यावरण को संतुलित करने के लिए काम करना होगा।