-11 मार्च से शुरू होने हैं annual exam, result जल्द तैयार करना होगा challenge

-Teachers को भी सही करना होगा अपना attitude

-Students के हित में उठाना पड़ा कदम

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में उत्तर पुस्तिकाओं की चेकिंग में एकुरेसी हमेशा से ही बड़ा चैलेंज रहा है। परीक्षा विभाग को इसे लेकर कई बार विवादों का सामना करना पड़ा है। कई बार तो इसे लेकर अच्छा खासा हंगामा तक मच चुका है। खासकर उन एग्जाम्स को लेकर जिनमें उत्तीर्णता प्रतिशत काफी कम होता है। ऐसे में एयू एडमिनिस्ट्रेशन काफी समय से कोई ऐसी ठोस कार्ययोजना अमल में लाना चाहता था, जिसके बाद उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन पर कोई सवाल न उठ सके। ऐसे में एयू ने जांच की चुकी कॉपियों के पुनर्मूल्यांकन करवाने का फैसला लिया है। जानकार इस डिसीजन को सेंट्रल यूनिवर्सिटी की प्रतिष्ठा के लिहाज से बड़ा कदम बता रहे हैं।

कई बार हो चुका है हंगामा

बता दें कि पिछले कई वर्षो से एयू में एनुअल एग्जाम्स के रिजल्ट के बाद उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन को लेकर हंगामा होता आ रहा है। खासतौर पर फ‌र्स्ट और थर्ड ईयर में बीएससी की कॉपियों को लेकर जिसे देखते हुए उस समय एयू एडमिनिस्ट्रेशन ने स्टूडेंट्स से वादा किया था कि वह इसके लिए फ्यूचर में कोई न कोई उपाय जरूर करेगा। वहीं अब एयू के एग्जामिनेशन सेक्शन ने प्रत्येक सब्जेक्ट की 20 परसेंट कॉपियों की री-चेकिंग किए जाने का डिसीजन लिया है, जिससे रिजल्ट आउट करने से पहले ही तय कर लिया जाए कि कॉपियां जांचने में कहीं कोई त्रुटि तो नहीं की गई है।

पचास हजार से ज्यादा छात्र देंगे परीक्षा

परीक्षा विभाग का यह डिसीजन कोई छोटा डिसीजन नहीं है। प्रत्येक सब्जेक्ट की 20 परसेंट कॉपियों को जांचना काफी टफ टास्क है। एग्जाम्पल के तौर पर 11 मार्च से शुरू होने वाले अंडर ग्रेजुएट के एनुअल एग्जाम में कम से कम चालीस हजार स्टूडेंट्स पार्टिसिपेट करेंगे। जिसमें 11 कांस्टीट्यूएंट कालेज की छात्र संख्या भी शामिल है। वहीं अप्रैल में शुरू होने वाली पोस्ट ग्रेजुएट, लॉ समेत दूसरी परीक्षाओं के भी तकरीबन दस हजार स्टूडेंट्स भाग लेंगे। एक स्टूडेंट एक सब्जेक्ट के कई पेपर देता है। इस लिहाज से देखा जाए तो तकरीबन दस हजार स्टूडेंट्स की कॉपियों की री-चेकिंग करवाई जाएगी। जिनके कॉपियों की संख्या भी दो से तीन गुना होगी।

टीचर्स से पार पाना होगी चुनौती

जानकारों के मुताबिक लास्ट ईयर कॉपियों के मूल्यांकन को लेकर हो रही देरी के चलते ही जुलाई तक रिजल्ट आने का सिलसिला चला था। इसको लेकर परीक्षार्थियों ने प्रदर्शन भी शुरू कर दिया था। उसपर भी एक बड़ा चैलेंज यह है कि यूनिवर्सिटी में बड़ी संख्या में टीचर्स चेकिंग के बदले मिलने वाली पारिश्रमिक की कम दरों से पहले ही खफा चल रहे हैं। अच्छी खासी संख्या में टीचर्स ऐन मौकों पर इस कार्य से हाथ खींच लेते हैं। कई बार तो इस रवैये से परेशान होकर परीक्षा विभाग कई टीचर्स को ब्लैक लिस्टेड भी कर चुका है।

अभी RTI के तहत दिखाई जाती हैं कॉपियां

मालूम हो कि एयू में अभी तक कॉपियों के पुनर्मूल्यांकन का कोई नियम नहीं था। अलबत्ता रिजल्ट आने के बाद प्राप्तांक से असंतुष्ट छात्र को आरटीआई के तहत कॉपियां दिखलाई जाती थीं। जितने छात्र आरटीआई करते थे, उनकी कॉपियों में किसी गलती के पाए जाने पर ही सुधार होता था। इस कार्य में भी अच्छा खासा समय लगता था, जिससे परीक्षार्थियों की फ्यूचर की पढ़ाई पर संकट पैदा होने का खतरा होता था।

पुनर्मूल्यांकन करवाने का निर्णय ले लिया गया है। इसमें टीचर्स की खास भूमिका होगी। मेरी सभी पक्षों से अपील है कि वे इसे सफल बनाएं। जिससे बेहतर परिणाम सामने आ सके।

प्रो। एचएस उपाध्याय, एग्जामिनेशन कंट्रोलर एयू