>Meerut। थायरायड की समस्या देश में तेजी से पैर पसार रही है। इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। देश में मौजूदा वक्त में करीब 6 करोड़ से अधिक लोग थायरायड के शिकार हैं। मेरठ में ही करीब 70 फीसदी लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं। खराब लाइफस्टाइल होने व अवेयरनेस न होने की वजह से यह रोग तेजी से फैल रहा है। पुरूषों की अपेक्षा 80 फीसदी महिलाएं इससे पीडि़त हैं।
क्या है थाइरायड
गले के निचले हिस्से में तितली शेप की ग्लैंड होती है, जिसे थॉयराइड कहते हैं। इससे खास तरह के हॉर्मोन टी3, टी4 और टीएसएच (थायरॉयड स्टिम्युलेटिंग हॉर्मोन) का स्त्राव होता है। जिनके इंबैलेंस होने पर पूरी बॉडी पर फर्क पड़ता है। इसके अलावा मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया को नियंत्रित करने में भी टी 3 और टी 4 हॉर्मोन जरूरी होता है।
मरीजों की स्थिति (मेरठ मेडिकल कॉलेज)
2015 - 22920
2016 - 27210
2017 - 33 हजार करीब
2018 में जनवरी से अब तक- 15 हजार लगभग
लक्षण
- मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द होना।
- गले में सूजन व जल्दी-जल्दी बुखार आना।
- इमोशनल इंबैलेंस, घबराहट और चिड़चिड़ापन, मेमोरी वीक होना।
- जल्दी थकान होना, शरीर का कमजोर हो जाना।
- बार-बार आंत संबंधी समस्याओं का होना।
थायरायड के प्रकार
- हाइपोथॉयरिडिस्म- इसमें शरीर का वजन तेजी से बढ़ने लगता है।
- हाइपरथॉयराइडिस्म- इसमें शरीर का वजन तेजी से कम होने लगता है।
शहर में सरकारी जांचें
- डर्फिन व जिला अस्पताल में थायरायड के लिए खन्ना पैथोलॉजी, दिल्ली की आउट सोर्सिग कंपनी से जांचें करवाई जाती है।
- मेडिकल कॉलेज में पोस्ट गे्रजुएट डिपार्टमेंट ऑफ ह्यूमन मेटाबॉलिज्म एंड एंड्रोक्राइनॉलॉजी विभाग में थायरायड के सभी टेस्ट किए जाते हैं।
ये है फीस
-महिला अस्पताल व जिला अस्पताल में सभी जांचे फ्री हैं।
-मेडिकल कॉलेज में एफटी-3 टेस्ट की 100 रुपये फीस है।
-एफटी-4 टेस्ट की 100 रुपये फीस है।
-टीएसएच के लिए 150 रुपये फीस है।
-प्राइवेट लैब में थॉयराइड की 450 से लेकर 800 रूपये तक फीस ली जाती है।
थायरायड को लोग नजरअंदाज कर देते हैं, जिसकी वजह से यह काफी देर से पता चल पाता है। यह समस्या तेजी से बढ़ रही है। इसके लिए समय पर इलाज लेना बहुत जरूरी है।
डॉ। सुनील कौशिक, सीनियर फिजिशियन, जिला अस्पताल