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क्कन्ञ्जहृन्: अब माननीयों और पूर्व माननीयों को 30 हजार के बदले 40 हजार रुपए वेतन मिलेगा। क्षेत्रीय भत्ता के रूप में 50 हजार रुपए प्राप्त होंगे। पहले इस मद में 45 हजार मिलते थे। सरकार ने विधायकों और पूर्व विधायकों के मूल वेतन से लेकर रेल किराया तक के लिए दिए जाने वाले भत्तों में वृद्धि करने का फैसला किया है। भत्ता में इजाफा होने के बाद विधायकों को हर माह वेतन भत्ता मिलाकर एक लाख 37 हजार रुपए मिलेंगे। इसमें रेल, प्लेन की सुविधा, निजी सहायक रखने के एवज में दी जाने वाली राशि शामिल नहीं है। पूर्व में भत्ता मद में एक लाख आठ हजार रुपए मिल रहे थे। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल ने संसदीय कार्य विभाग के इस प्रस्ताव को

मंजूरी दी। प्रारूप को अब विधान मंडल में पेश किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने द्वितीय अनुपूरक बजट प्रारूप को भी मंजूरी दी है। मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में चार प्रस्ताव स्वीकृत किए गए।

30 परसेंट तक होगी वृद्धि

सूत्रों की मानें तो विधायकों के मूल वेतन में 30 फीसद की वृद्धि की गई है। लग्जरी वाहन खरीदने के लिए विधायक दस के स्थान पर 15 लाख रुपए अग्रिम के तौर पर मिल सकेंगे। इस सुविधा के अलावा स्टेशनरी खरीदने के लिए दस हजार, निजी सहायक रखने के लिए बीस के स्थान पर 30 हजार मिलेंगे।

अनुपूरक बजट प्रारूप स्वीकृत

कैबिनेट सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल ने द्वितीय अनुपूरक बजट प्रारूप को मंजूरी दे दी है। इसे अब विधान मंडल से पारित कराया जाएगा। द्वितीय अनुपूरक बजट 10463 करोड़ रुपए का है। इसमें स्थापना मद में 2744 करोड़, वार्षिक स्कीम मद में 7601 करोड़, केंद्रीय-क्षेत्रीय स्कीम मद में 94.12 करोड़ और प्रवृत मद में 22.96 करोड़ रुपये रखे गए हैं। बता दें कि प्रदेश का प्रथम अनुपूरक बजट 19721 करोड़ रुपए का था।

सेवानिवृत पेंशनरों को मिलेगा चिकित्सा भत्ता

राज्य मंत्रिमंडल ने राज्य के सभी विश्वविद्यालय और अंगीभूत कॉलेज से सेवानिवृत्त शिक्षकों-शिक्षकेतर कर्मियों को चिकित्सा भत्ता देने का फैसला किया है। पेंशन और पारिवारिक पेंशन का लाभ ले रहे शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मियों को एक अगस्त 2014 के प्रभाव से दो सौ रुपये प्रतिमाह की दर से चिकित्सा भत्ता दिया जाएगा। प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल की सहमति प्राप्त है। मंत्रिमंडल ने जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 के प्रावधानों के तहत जुवेनाइल से जुड़े मामलों की मॉनिट¨रग के लिए अपर जिला निबंधक जिला न्यायाधीश कोटि का एक और रिसर्च ऑफिसर सिविल जज के एक। कुल दो पद सृजन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। प्रति वर्ष 30.22 लाख रुपए अतिरिक्त खर्च वहन करना होगा।