-एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल में 345 पीडि़त बच्चों को कराया जा चुका है भर्ती

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MUZAFFARPUR/PATNA: मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) कहर बरपा रहा है. एईस से मरनेवालों और पीडि़तों के आने का सिलसिला नहीं थम रहा. एसकेएमसीएच में रविवार को आठ और केजरीवाल अस्पताल में एक यानी कुल नौ और बच्चों की जान चली गई. जबकि, दोनों जगह 49 नए मरीजों को भर्ती किया गया. इसमें एसकेएमसीएच में 28 व केजरीवाल में 21 बच्चे हैं.

इस मौसम में अब तक 104 बच्चों की मौत हो चुकी है. जबकि, 345 भर्ती हुए हैं. इससे पहले शनिवार को 18 बच्चों की मौत हो गई थी. इनमें 16 बच्चे एसकेएमसीएच में भर्ती थे, जबकि दो बच्चों का

केजरीवाल अस्पताल में इलाज चल रहा था. एईएस की भयावहता को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य

मंत्री डॉ. हर्षव‌र्द्धन, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने एसकेएमसीएच का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया.

रविवार को अस्पतालों में इन बच्चों ने तोड़ा दम

एसकेएमसीएच में अहियापुर जमालाबाद के प्रह्लाद कुमार, देवरिया की अनिशा कुमारी, मोतीपुर की सोनाली खातून, मोतिहारी राजेपुर की निशा कुमारी, मोतिहारी मधुबन की प्रीति कुमारी, मोतिहारी मेहसी की नीतू कुमारी, मोतिहारी राजेपुर के दिव्यांशु एवं पारू की तरन्नुम खातून व केजरीवाल अस्पताल में बरुराज के प्रीतम की मौत हो गई.

जांच के दौरान दौरान भी मासूम की मौत

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जब एईएस पीडि़त बच्चों का हाल देख रहे थे, उस दौरान वहां एक बच्ची की मौत हो गई. उन्होंने तीन घंटे से अधिक समय तक एक-एक बच्चे की स्थिति का निरीक्षण किया. मंत्री एईएस पीडि़त बच्चों का हाल लेने के लिए एक से दूसरी पीआइसीयू में जा रहे थे. इसी बीच एक मरीज के परिजन ने मंत्री से वार्ड में जाने की मांग रखी. मगर, बच्चों को देखने वे पीआइसीयू चले गए. इससे नाराज होकर वार्ड के बाहर परिजनों ने हंगामा किया.