PATNA : अब प्रदेश के स्कूलों में रोड सेफ्टी की क्लास लगेगी। इसके लिए सरकार न बिहार बोर्ड के पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा को शामिल करने का निर्णय लिया है। बिहार सड़क सुरक्षा परिषद की कार्यपालक समिति की विकास आयुक्त की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है। पहले चरण में नौवीं और दसवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा को शामिल करने की योजना बनी है। परिवहन विभाग ने सड़क दुर्घटना में कमी लाने के लिए सड़क सुरक्षा नियमों को नौवीं से नीचे की कक्षाओं में भी पाठ्क्रम का हिस्सा बनाने पर भी विचार कर रहा है। नियमों को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने के लिए बेहतर तरीके की तलाश की जा रही है। कोशिश है कि अगले सत्र में इस योजना को लागू कर दिया जाए। परिवहन सचिव संजय अग्रवाल कहते हैं कि जब तक युवा पीढ़ी नियमों का पालन नहीं करती, तब तक सड़क सुरक्षा के मायने सार्थक नहीं हो पाएंगे।

लापरवाही करने पर आइपीसी के तहत दर्ज हो सकता है मामला

अब गाड़ी चलाने में लापरवाही के लिए मोटर वाहन (एमवी) एक्ट के अलावा आइपीसी के तहत भी मामला दर्ज हो सकता है। गाड़ी चलाते वक्त अगर कोई एक्सीडेंट कर दे और उसमें कोई शख्स घायल हो जाए तो ड्राइवर के खिलाफ आइपीसी की धारा-337 (ऐसा जख्म, जिससे किसी की जान को खतरा हो सकता था) और 338 (ऐसा गंभीर जख्म, जिससे किसी की जान को खतरा हो सकता हो) के तहत केस दर्ज हो सकता है। धारा-337 में अधिकतम छह महीने कैद और धारा-338 में अधिकतम दो साल कैद का प्रोविजन है। गाड़ी से एक्सिडेंट हो जाए और जख्मी की मौत हो जाए तो साधारण परिस्थिति में आरोपी के खिलाफ धारा-304 ए (लापरवाही से मौत) का केस दर्ज होता है। इस मामले में दोषी पाए जाने पर अधिकतम 2 साल कैद की सजा के प्रावधान को सख्ती से लागू कराने की तैयारी है।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर यह कवायद शुरू की गई है। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक संजय सिंह को नौवीं और दसवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में कैसे सड़क सुरक्षा विषय शामिल किया जाए इस पर प्रस्ताव तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

संजय अग्रवाल,परिवहन सचिव