अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित बोले
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LUCKNOW : विधानसभा के सदस्यों के आचरण को लेकर जनसामान्य में अच्छी धारणा का अभाव होता जा रहा है। सदन के अन्दर एवं सदन के बाहर के आचरण पर जनता की दृष्टि रहती है। विधानसभा की आचार समिति सदस्यों के आचरण एवं व्यवहार पर आदर्श आचार संहिता बना सकती है। यह विचारोपरांत आचार संहिता सूचीबद्ध करेगी। ऐसे सुझावों को प्रतिवेदन के रूप में विधानसभा में प्रस्तुत किया जायेगा। यह बात बुधवार को विधानसभा की आचार समिति की पहली बैठक में विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कही।

साधारण से असाधारण
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि चुने जाने के पहले प्रत्येक सदस्य एक साधारण नागरिक होता है। सदस्य चुने जाने के बाद वह असाधारण हो जाता है। उसके आचार-व्यवहार पर उसको चुनने वाले निर्वाचक मंडल के साथ-साथ पूरे प्रदेश की निगाह होती है। सदन में अंदर और बाहर उसके प्रत्येक कृत्य पर सतत एवं सूक्ष्म पर्यवेक्षण होता रहता है। हाल के वर्षों में राजनीति में कुछ ऐसी प्रवृत्तियों ने प्रभाव डाला है कि राजनीति के प्रति आम जनता का विश्वास घटा है, देश के प्रजातंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है।

इन बिंदुओं पर विचार करेगी
आचार समिति विधायकों के लिए आदर्श आचरण एवं व्यवहार संहिता तैयार करते समय इन बिंदुओं पर विशेष रूप से विचार करेगी। विधायकों का आदर सम्मान बढ़ाना जरूरी है। बैठक में सोवरन सिंह यादव, अरविंद गिरि, रत्नाकर मिश्रा, अनूप प्रधान, विजय कुमार कश्यप आदि विधायकों ने हिस्सा लिया।

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