PATNA (14 Nov): पटना के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में ब्रेन स्ट्रोक की सर्जरी आसान हो जाएगी। इसके लिए डिजिटल सब्जेक्ट्रेशन एंजियोग्राफी मशीन लगाने की तैयारी चल रही है जो ब्रेन की जटिल सर्जरी को भी आसान कर देगा। प्रशासनिक अधिकारियों की माने तो जल्द ही मशीन को इंस्टॉल किया जाएगा। आईजीआईएमएस प्रदेश का पहला ऐसा सरकारी संस्थान होगा जहां डिजिटल सब्ट्रेक्शन एंजियोग्राफी मशीन से ब्रेन स्ट्रोक की सर्जरी हो पाएगी।

फोर डी ईमेजिंग की सुविधा

डिजिटल सब्ट्रेक्शन एंजियोग्राफी मशीन को लेकर संस्थान के एक्सपर्ट बताते हैं कि इसमें फोर डी इमेजिंग की सुविधा होती है। यह सुविधा ब्रेन के सही पोजिशन को डॉक्टर को बता देती है। इस अत्याधुनिक तकनीक से लैश मशीन से ट्यूमर की पोजीशन के साथ ब्रेन की अन्य घाव व चोट का पता लगाना आसान होगा। संस्थान के प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि इस आधुनिक मशीन से फोर डी इमेजिंग के कारण छोटे से लेकर बड़े टयूमर की पूरा फैक्ट सामने आ जाएगा।

यह भी होगा फायदा

न्यूरो विभाग के एक्सपर्ट का कहना है कि स्ट्रोक और ट्यूमर के साथ धमनी का इलाज भी आसान हो जाएगा। इसकी मदद से ट्यूमर को सप्लाई देने वाले ब्लड को रोक दिया जाता है। इसमें ग्लू डाला जाता है जिससे ट्यूमर सूखने लगता है फिर इसे आसानी से ऑपरेट कर बाहर निकाल दिया जाता है। एक्सपर्ट का कहना है कि डीसीए मशीन से ब्रेन एनुरजिम यानी धमनी के फूलने और उसमें ब्लड भरने की बीमारी का भी सटीक इलाज किया जा सकता है।

इलाज में देरी के बाद भी बच जाएगी जान

न्यूरो विभाग के एक्सपर्ट का कहना है कि डिजिटल सब्ट्रेक्शन एंजियोग्राफी मशीन लगाए जाने के बाद ब्रेन स्ट्रोक में देर से भी आने वाले मरीजों का इलाज आसान होगा। इससे 6 घंटे के बजाए 18 से 24 घंटा के अंदर भी बेहतर उपचार संभव हो जाएगा। एक्सपर्ट का कहना है कि वह दिन दूर नहीं है जब इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में ब्रेन स्ट्रोक के जटिल से जटिल केस को साल्व करने के लिए डॉक्टरों की टीम तैयार रहेगी और इससे मरीजों को बड़ी राहत मिल जाएगी। जिस जटिल ऑपरेशन के लिए प्राइवेट अस्पतालों में सब कुछ बिक जाता है वह संस्थान में कम खर्च में भी आसानी से हो जाएगा।

डिजिटल सब्ट्रेक्शन एंजियोग्राफी मशीन से ब्रेन के ट्यूमर सहित अन्य कई जटिल रोग का ऑपरेशन आसान हो जाएगा। सब कुछ ठीक ठाक रहा तो बहुत जल्द इस मशीन का इंस्टॉलेशन संस्थान में कर लिया जाएगा।

डॉ अशोक कुमार, एचओडी, न्यूरो

विभाग, आईजीआईएमएस

डिजिटल सब्ट्रेक्शन एंजियोग्राफी मशीन संस्थान के लिए आवश्यक है क्योंकि यहां देर से आने वाले व अन्य जटिल ब्रेन के रोग के इलाज में समस्या आती है। इस हाईटेक मशीन के इंस्टालेशन के बाद इलाज का रास्ता डिजिटल हो जाएगा।

डॉ मनीष मंडल, मेडिकल सुपरीटेंडेंट, इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान