- नगर निगम तीन माह पूर्व ही शहर को ओडीएफ घोषित कर चुका है
- शहर के 80 परिवारों के लोग नालों और रेल पटरियों पर शौच करने को मजबूर
BAREILLY: करीब तीन माह पहले ही नगर निगम शहर को ओडीएफ घोषित कर चुका है। शहर के चौराहों पर लगे होर्डिग और दीवारों पर बनी स्वच्छता अभियान की पेंटिग इसका सबूत पेश कर रही है कि शहर में कितने बदलाव हुए हैं, लेकिन जमीनी हकीकत की बात करें तो तस्वीर कुछ और ही है। जी हां शहर के दो इलाकों के करीब 80 परिवार खुले में शौच जा रहे हैं। आईए आपको ले चलते हैं शहर के कुदेशिया फाटक के पास। यहां सड़क किनारे झोपड़ी बनाकर करीब 50 परिवार 20 साल से रह रहे हैं। इन परिवारों के पास राशन कार्ड और आधार कार्ड भी है। बावजूद इसके उन्हें सरकारी सुविधाओं से दूर रखा गया है। इन लोगों के लिए आसपास एक सार्वजनिक शौचालय तक नहीं बनवाया गया, इसके चलते इन परिवारों के लोग आज भी आसपास नालों और रेल की पटरियों पर शौच करने को मजबूर हैं। यही हाल अयूब खां चौराहे से चौपला चौराहा रोड का है। यहां भी सड़क किनारे करीब 32 परिवारों ने नाले को ही शौचालय बना लिया है।
रात में महिलाएं जाती हैं शौच
कुदेशिया फाटक के नीचे बसी लोको कॉलोनी के पास रह रहे इन परिवारों की महिलाएं शौच के लिए रात होने का इंतजार करती हैं। रात के अंधेरे में वह कॉलोनी के पीछे से गुजर रही रेल की पटरियों पर शौच को जाती हैं। ऐसे में कभी भी कोई बड़ी घटना उनके साथ हो सकती है।
नाले पर टाट-बोरे का शौचालय
अयूब खां चौराहे से चौपुला चौराहे वाली रोड पर बसे लोग करीब 30 परिवारों को भी शौचालय की आस है। हैरत की बात तो यह है कि जहां यह परिवार बसे हैं उससे ठीक दस कदम की दूरी पर निगम ने सामुदायिक शौचालय बनवा दिया, जिसका यूज करने के लिए चार्ज देना पड़ता है, लेकिन इस बस्ती में रह रहे लोगों की सुविधा के लिए निशुल्क सार्वजनिक शौचालय नहीं बनवाया। ऐसे में इन परिवारों की महिलाएं नाले के ऊपर टाट के बोरे की आड़ बनाकर शौच करती हैं।
क्या बोले लोग
1. हम लोग करीब 20 सालों से यहां रह रहे हैं, राशन कार्ड, आधार कार्ड सबकुछ होने के बाद भी कोई सुविधा अभी तक हम लोगों का नहीं मिली है।
विनोद कुमार।
2. घर की महिलाएं रात में रेलवे लाइन पर शौच जाती हैं। कई बार नगर निगम में शौचालय बनवाने की अर्जी दी, लेकिन समस्या जस की तस है।
अजय
3. अब तो आदत हो गई है खुले में शौच जाने की, क्या करें मजबूरी है गरीब सिर्फ वोट के नाम पर छला जा रहा है। हम तो सरकारी सुविधाओं की आस ही छोड़ चुके हैं।
राधा।
4. कई बार लोगों का कहते सुना है कि देश बदल रहा है ऐसे लोग कभी यहां आकर हालात देखें कि हम लोग कैसे रहे हैं। शहर ओडीएफ घोषित हो गया, लेकिन यहां एक शौचालय तक नहीं बना।
लाले।
शहर तीन माह पूर्व ही ओडीएफ घोषित हो चुका है। आवेदन के तहत शौचालय निर्माण कराया गया है। अगर कुछ इलाके छूट गए हैं। तो टीम को भेजकर सर्वे कराया जाएगा।
मेयर डॉ। उमेश गौतम।