- तब ओडीएफ जब थर्ड पार्टी की लगेगी मुहर

- सेल्फ डिकलेरेशन के बाद प्रोटोकॉल अब तक नहीं पूरा

आगरा। नगर निगम प्रशासन ने शहर को सेल्फ ओडीएफ घोषित कर दिया है। पर इस कसौटी में खरा उतरना आसान नहीं है। दरअसल ओडीएफ संबंधी पूरे दस्तावेज मिलने के बाद सरकार थर्ड पार्टी से निरीक्षण कराएगी। इसकी सभी परीक्षाओं में पास होने के बाद ही ओडीएफ (ओपन डिफेकेशन फ्री) का प्रमाण-पत्र मिल सकेगा।

नगर निगम ने शहर को खुले में शौच मुक्त कराने को लेकर बड़े-बड़े दावे पेश किए हैं। शहर की साफ-सफाई व्यवस्था, डोर-टू-डोर कलेक्शन, पब्लिक और कम्युनिटी टॉयलेट पर काम किया। आवासीय, गैर-आवासीय, कमर्शियल, बाजार और स्लम समेत सभी क्षेत्रों में ओडीएफ से जुड़े सभी कामों को पूरा करने का दावा पेश किया। शहर को सेल्फ ओडीएफ घोषित कर दिया। लेकिन अब तक ओडीएफ संबंधी प्रोटोकॉल राज्य मिशन निदेशालय को भेजा नहीं है। इससे आगे की प्रक्रिया अटक गई है। इस पर राज्य मिशन निदेशालय के अधिकारी ने नाराजगी जताई हैं।

उन्होंने अब शहर को ओडीएफ घोषित करने के लिए की गई घोषणाओं से संबंधी कागजात मांगे हैं, जो प्रोटोकॉल से जुड़े हुए हैं। मिशन निदेशालय के अधिकारी पहले अपने स्तर इन दस्तावेजों की सत्यता को परखेंगे। इसके बाद केंद्र सरकार के संबंधित विभाग को भेजा जाएगा। यहां से थर्ड पार्टी नियुक्त होगी, इसके सामने ओडीएफ के मानदंडों की कसौटी पर खरा उतरना होगा। इसके बाद ही केंद्र सरकार की ओर से शहर ओडीएफ घोषित होगा।

आसान नहीं कागजों की तैयारी

ओडीएफ घोषित करने की प्रक्रिया आसान नहीं है। ओडीएफ के लिए जमीनी स्तर पर किए गए कामों को कागजों में दर्शाना है। फिर उनका वेरीफिकेशन कई स्तर पर टीमें करेंगी। कागजों और जमीनी स्तर पर काम में अंतर होने पर ओडीएफ घोषित नहीं किया जा सकता है।