छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों ने घर का बजट बिगाड़ दिया है। पेट्रोलियम भी अब सेंसेक्स की तरह उछाल मार रहा है। सेंसेक्स तो कभी-कभी नीचे भी चला जाता है, लेकिन पेट्रोलियम का सेंसेक्स लगातार ऊपर की ओर जा रहा है। इस कारण लोग अपने बजट में कॉस्ट कटिंग के लिए नए रास्ते तलाश रहे हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने सिटी के तीन परिवारों से पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से घर के बजट में आए बदलाव को लेकर चर्चा की। हायर फैमिली, हायर मीडिल और मीडिल फैमिली से बातचीत की तो पता चला कि आम आदमी से लेकर खास आदमी तक बेचैन है। हर फैमिली तेल की खपत को लेकर अलर्ट मोड में आ गई है। कॉस्ट कटिंग के लिए कभी शॉर्ट रूट, तो कभी ज्यादा माइलेज की गाडि़यों का इस्तेमाल करने को लोग मजबूर हैं।

हायर क्लास फैमिली

शॉर्टकट रास्ते का इस्तेमाल

लौहनगरी के रियल स्टेट कारोबारी कमलेश कुमार ने बताया कि डीजल की कीमतें बढ़ने से ट्रांसपोर्ट का खर्च 20 से 30 प्रतिशत बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि साइट में आने जाने के लिए चार बोलेरो, दो स्कार्पियों, एक बॉलेनो, एक आईटेन और एक फार्चूनर गाड़ी है। उन्होंने बताया कि सभी गाडि़यों के चलने पर पहले प्रतिदिन 3500 से 4000 का प्रतिदिन डीजल खर्च आता था। पेट्रोलियम पदार्थ के दाम बढ़ने से 700 से 1000 रुपये प्रतिदिन का अतिरिक्त खर्च आ रहा है। उन्होंने बताया कि डीजल के साथ ही पेट्रोल के दाम में भी पहले की तुलना में 10 रुपये तक की वृद्धि होने से मार्केटिंग कर्मचारी ज्यादा ट्रेवलिंग अलांउस की मांग कर रहे हैं।

कॉस्ट कटिंग : कमलेश कुमार बताते हैं कि पेट्रोल बजट से ज्यादा खर्च न हो, इसके लिए वे शॉर्टकट रास्ते से ऑफिस जा रहे हैं। इसके अलावा उन गाडि़यों का इस्तेमाल अब ज्यादा कर रहे हैं, जो ज्यादा माइलेज देती हैं।

हायर मिडिल क्लास फैमिली

एक्स्ट्रा गाड़ी के इस्तेमाल पर पाबंदी

साकची निवासी समाजसेविका कंचन ने बताया कि पेट्रोल, डीजल की कीमतें बढ़ने से आम आदमी के साथ ही मिडिल क्लास के लोग सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। उन्होंने बताया कि घर में तीन कार और दो बाइक हैं। महीने में एक कार का पेट्रोल खर्च 4 से 5 हजार और बाइक का 1500 से 2 हजार रुपये पेट्रोल खर्च आता हैं। लेकिन डीजल पेट्रोल की कीमत 10 से 12 रुपये की वृद्धि होने से पहले प्रतिमाह 20 हजार का खर्च आ रहा था, लेकिन पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने से हर महीने खर्च में चार से पांच हजार रुपए का इजाफा हो गया है।

कॉस्ट कटिंग: कहीं भी जाना होता है तो अब फैमिली मेंबर से पूछ लेते हैं, अगर कहीं किसी को जाना है तो अपने साथ ले जाते हैं। अतिरिक्त गाडि़यों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा रखी है।

मिडिल क्लास फैमिली

दो लोग एक बाइक पर

रामकुमार अग्रवाल ने बताया कि उनके घर में एक कार दो बाइक हैं। पहले कार में करीब दो हजार और बाइक में करीब डेढ़ हजार रुपए का पेट्रोल भरवाना पड़ता था। अब पेट्रोल की कीमत बढ़ने से हर महीने गाडि़यों के पेट्रोल में करीब डेढ़ हजार रुपए ज्यादा खर्च हो रहे हैं।

कॉस्ट कटिंग: पेट्रोल के खर्च को कंट्रोल में रखने के लिए रामकुमार एक ही बाइक का इस्तेमाल कर रहे हैं। कहीं जाने पर घर के दूसरे सदस्यों से भी पूछ लेते हैं। घर के दूसरे लोग भी तेल बचाने के लिये शॉर्ट रास्ते का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं। जाम से गुजरने वाले इलाकों में ऑटो या ई रिक्शा का इस्तेमाल कर रहे हैं।