टूथब्रश का इतिहास काफी पुराना
कानपुर।
टूथब्रश इंसान की दिनचर्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अब बिना इसके हम अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं। एक सर्वे के मुताबिक, व्यक्ति अपने पूरे जीवन में 38 दिन सिर्फ दांतों की सफाई में खर्च कर देता है। पुराने जमाने में लोग अपनी दांतों को साफ करने के लिए अजीबो-गरीब तरीके का इस्तेमाल करते थे, जिनमें टूथापिक नुमा चीजों को दांतों से चबाकर साफ किया जाना और पेड़ों की पतली टहनियों को दातुन के रूप में इस्तेमाल करना शामिल हैं। टूथब्रश का इतिहास भी काफी पुराना रहा है। क्या आप जानते हैं कि दुनिया का पहला टूथब्रश किसने पेटेंट कराया था? अगर नहीं जानते तो आइये टूथब्रश के इतिहास पर एक खास नजर डालें।

16वीं शताब्दी के अंत तक होता रहा पहले टूथब्रश का इस्तेमाल
चीन के एक राजा ने 1498 में आज ही के दिन यानी कि 26 जून को दुनिया का पहला टूथब्रश पेटेंट कराया था। 'वायर्ड' के मुताबिक, पहला टूथब्रश सुअर के बालों से बना था, जो किसी हड्डी या बांस के टुकड़ों पर लगे होते थे। इसका इस्तेमाल 16वीं शताब्दी के अंत तक होता रहा। कहा जाता है कि 17वीं शताब्दी  में चीन की यात्रा पर गए कुछ यूरोप के यात्रियों ने इस टूथब्रश को देखा। इसके बाद उन्होंने भी इस टूथब्रश में थोड़ा फेरबदल करके इसका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया और धीरे धीरे यह टूथब्रश व्यापक रूप से प्रचलित हो गया।

एडवांस्ड टूथब्रश इस्तेमाल करते हैं हम
आज दुनियाभर के घरों में टूथब्रश का व्यापक तौर पर इस्तेमाल होता है। 520 साल पहले इजाद हुआ टूथब्रश आज लोगों का एक अभिन्न अंग बन चुका है। हां, आजकल हम एडवांस्ड टूथब्रश जरूर इस्तेमाल करने लगे हैं लेकिन अगर गांव के लोगों को छोड़ दे तो शहर में रहने वाला शायद ही कोई व्यक्ति अपनी सुबह की कल्पना इसके बिना करता होगा।

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