कपिल देव के कैच ने पलटा मैच

कानपुर। क्रिकेट वर्ल्ड कप 1983 का फाइनल जीते हुए भारत को आज 35 साल हो गए हैं। कपिल देव की कप्तानी में टीम इंडिया पहली बार विश्व चैंपियन बनी थी। इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीमों को पछाड़ते हुए भारत ने न सिर्फ फाइनल में जगह बनाई जबकि दो बार की चैंपियन रही वेस्टइंडीज को खिताबी मुकाबले में मात देकर वर्ल्ड कप विनर का तमगा हासिल किया। भारत के लिए वर्ल्ड कप जीतना इतना आसान नहीं था, ऊपर से जब पूरी टीम 183 रन पर ऑलआउट हो गई तो सभी को लगा फाइनल कैरेबियाई टीम ही जीतेगी। यह तो भला हो कपिल देव का जिन्होंने विवियन रिचर्ड्स का एक शानदार कैच पकड़कर मैच का पासा ही पलट दिया।

नहीं चल पाए थे भारतीय बल्लेबाज

ईएसपीएन क्रिकइन्फो के डेटा के मुताबिक, वेस्टइंडीज ने इस मैच में टॉस जीतकर पहले भारत का बल्लेबाजी का न्यौता दिया। भारत की तरफ से सुनील गावस्कर और के श्रीकांत बतौर ओपनर क्रीज पर उतरे। अभी टीम का कुल स्कोर 2 रन ही था कि लिटिल मास्टर गावस्कर दो रन बनाकर पवेलियन लौट गए। गावस्कर जैसे दिग्गज बल्लेबाज के सस्ते में आउट हो जाने से भारत को तगड़ा झटका लगा। मगर दूसरे छोर पर बैटिंग कर रहे श्रीकांत धीरे-धीरे अपनी पारी आगे बढ़ाते रहे। दूसरे विकेट के लिए श्रीकांत और अमरनाथ के बीच अर्धशतकीय साझेदारी ही हुई थी कि 59 रन पर श्रीकांत भी अपना विकेट गंवा बैठे। श्रीकांत ने 38 रन बनाए थे जोकि इस मैच में किसी भी भारतीय बल्लेबाज द्वारा बनाया गया सर्वाधिक स्कोर था। इसके बाद संदीप पाटिल (27), कपिल देव (15) और मदन लाल (17) ने छोटी-छोटी पारियां खेलकर भारत का स्कोर 150 के पार पहुंचाया। हालांकि टीम इंडिया अपने पूरे ओवर भी नहीं खेल सकी और 183 रन पर भारत ऑलआउट हो गया।

25 जून 1983 को ऐसे वर्ल्ड कप जीती थी इंडिया,एक कैच से पलट गया था मैच

फिर गेंदबाजों ने किया कमाल

वेस्टइंडीज को यह मैच जीतने के लिए 60 ओवर में (तब वनडे 60-60 ओवर का होता था) 184 रन बनाने थे। हर कोई समझ गया था कि कैरेबियंस रिकॉर्ड तीसरी बार वर्ल्ड कप अपने नाम कर जाएंगे। मगर उस दिन कुछ अलग होना था। 5 रन के स्कोर पर वेस्टइंडीज को पहला झटका मिल गया था। हालांकि उसके बाद रिचर्ड्स और हेन्स ने महत्वूपर्ण साझैदारी कर टीम को लक्ष्य तक पहुंचाने की कोशिश की। विवियन रिचर्ड्स ऐसे बल्लेबाजी कर रहे थे मानो 30 ओवर में ही मैच खत्म कर देंगे। मगर ऐसा हुआ नहीं, मदन लाल की एक गेंद पर रिचर्ड्स ने हवा में शॉट मार दिया, नीचे फील्डर थे कपिल देव। भारतीय कप्तान जानते थे अगर ये कैच उन्होंने पकड़ लिया तो मैच पलट सकता है, हुआ भी यही। कपिल ने शानदार फील्डिंग का प्रदर्शन करते हुए 33 रन के स्कोर पर रिचर्ड्स को चलता किया। इसके बाद तो विकेटों की झड़ी लग गई और पूरी कैरेबियाई टीम 140 रन पर ऑलआउट हो गई। भारत ने यह मैच 43 रन से जीत लिया, साथ ही वर्ल्ड कप भी।

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