कानपुर। 31 अक्टूबर का दिन पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी के लिए कभी न भूलने वाला है। यह वो दिन था जब भारतीय क्रिकेट के नए सितारे का जन्म हुआ। साल 2005 में इसी दिन भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज एमएस धोनी ने अपने वनडे करियर की सबसे बड़ी पारी खेली थी। धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ नाबाद 183 रन बनाए थे। इस पारी के बाद धोनी की टीम में जगह पक्की हो गई। तब उनके करियर का शुरुआती दौर ही था, माही ने एक विस्फोटक बल्लेबाज के रूप में अपनी पहचान बना ली थी।

पहले ओवर में खेलने आए थे माही
क्रिकइन्फो के मुताबिक, साल 2005 में श्रीलंकाई टीम वनडे सीरीज खेलने भारत आई थी। सीरीज का तीसरा वनडे 31 अक्टूबर को जयपुर में खेला गया। श्रीलंकाई कप्तान ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का निर्णय लिया और कुमार संगकारा के नाबाद 138 रनों की बदौलत मेहमान टीम ने भारत को 299 रनों का लक्ष्य दिया। उस वक्त यह लक्ष्य थोड़ा मुश्किल माना जाता था। खैर भारत की तरफ से वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर ओपनिंग करने आए। अभी 7 रन ही बने थे कि पहले ओवर की पांचवीं गेंद पर सचिन आउट हो गए। इसके बाद धोनी को बैटिंग ऑर्डर में प्रमोट कर तीसरे नंबर पर भेजा गया।

धोनी ने मारे थे 10 छक्के
करीब 300 रन के लक्ष्य का पीछा करते समय पहले ओवर में सचिन का विकेट गिर जाने से भारत दबाव में आ गया था। मगर धोनी ने आते ही ताबड़तोड़ बैटिंग कर विरोधी गेंदबाजों को दबाव में ला दिया। और बल्लेबाज आते और जाते गए लेकिन माही क्रीज पर टिके रहे। धोनी टीम को जीत दिलाकर ही वापस लौटे। भारत ने यह मैच 47वें ओवर में जीत लिया था। इस जीत का पूरा श्रेय धोनी को मिला, माही ने 145 गेंदों में नाबाद 183 रन की पारी खेली। इस दौरान उनके बल्ले से 15 चौके और 10 छक्के निकले।

ऐसा है धोनी का वनडे रिकॉर्ड
धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ जब ऐतिहासिक पारी खेली थी तब उनकी उम्र 24 साल थी। मगर धोनी अब 37 साल के हो गए हैं। उनका वनडे करियर काफी लंबा रहा। इन सालों में धोनी ने कुल 331 वनडे मैच खेले जिसमें 50.11 की औसत से 10173 रन बनाए। इस दौरान माही के बल्ले से 10 शतक और 67 अर्धशतक निकले।

जानिए धोनी को आखिरी शतक और अर्धशतक लगाए कितना समय हो गया

पहली बार टीम से बाहर किए गए धोनी अगले साल ही खेल पाएंगे क्रिकेट, जानें क्यों हुए 'ड्रॉप'

 

Cricket News inextlive from Cricket News Desk