शहर के तमाम अस्पतालों में रहा 11-11-11 का क्रेज

11-11-11 को 11.11.11 पर एक बच्चे के जन्म ने डॉक्टर से लेकर हर किसी को हैरत में डाल दिया है। गार्जियन खुश हैं, लेकिन डॉक्टर और नर्स को अब तक विश्वास ही नहीं हो रहा कि सीरिज में बारह 1 का यह अजूबा उनके सामने हुआ है। दरअसल, 11 तारीख को लेकर जहां कुछ गार्जियन पहले से ही हॉस्पीटल में सीट बुक कराने में लगे थे। वहीं कुछ ऐसी फैमिलीज भी थीं, जिन्हें नंबर के इस चक्कर के बारे में पता भी नहीं था। इनमें से ही एक थी कनपा, बिहटा की पुतुल देवी की फैमिली।

एक बजे तक तीन बच्चे

शुक्रवार की सुबह सीवीयर लेबर पेन में पुतुल देवी के फैमिली मेंबर्स उन्हें पीएमसीएच ले कर आए। यहां डॉक्टर्स ने उन्हें गाइनी वार्ड में एडमिट किया और डॉक्टर के मंजू की यूनिट में पुतुल ने बच्चे को जन्म दिया। इस दौरान जब डॉक्टर वनर्स ने बच्चे की बर्थ टाइमिंग नोट की तो वह 11 बजकर 11 मिनट और 11 सेकेंड थी। डॉ। के मंजू ने बताया कि एक बजे तक तीन बच्चे हुए हैं, जिसमें से 11 अंकों वाला बच्चा लड़का है।

11 तारीख को 11 बच्चे

10 तारीख की सूई ने जैसे ही 11 तारीख में प्रवेश किया, तो रात के 12 बजकर दो मिनट पर शिवम हॉस्पीटल में पटना की विशाखा गुप्ता ने एक बेबी को जन्म दिया। इसके बाद यह सिलसिला दिन भर चलता रहा। शिवम हॉस्पीटल की गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ। सारिका राय ने बताया कि अब तक 11 बच्चों का जन्म हो चुका है, जिसमें 10 नॉर्मल डिलीवरी और एक सिजेरियन है।

मुजफ्फरपुर से सहरसा तक धूम

11 तारीख को मां बनने वालों में मुजफ्फरपुर की ममता, पटना की विशाखा, वैशाली की अनुपमा, खेमनीचक की संध्या, गोपालगंज की नरगिस, कंकड़बाग की गुंजा, आलमगंज की सबीना, जमुई की अर्पणा, मुजफ्फरपुर की अरूणा पांडेय, गोपालगंज की रश्मि और सहरसा की प्रीती शामिल हैं।

सैकड़ों नन्हे-मुन्नों का जन्म

आपको जान कर हैरत होगी कि पीएमसीएच, एनएमसीएच, आईजीआईएमएस से लेकर शहर के तमाम सरकारी और प्राइवेट नर्सिंग होम्स की हालत एक-सी है। सुबह से देर शाम तक डिलीवरी का सिलसिला जारी रहा। इस संबंध में एमजीएम हॉस्पीटल की जानी-मानी गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ। मंजू गीता मिश्रा ने बताया कि 11 तारीख को लेकर अब तक अस्पताल में सात सिजेरियन और दो नॉर्मल डिलीवरीज हुई हैं।

जन्म देने की होड़

जानकारी हो कि यह पूरा मामला ऐश्वर्या राय के बच्चे के जन्म को लेकर शुरू हुआ था। इसके बाद ज्योतिषों और अंक शास्त्रियों ने भी इस नंबर को लेकर कई पॉजिटिव बातें कही थीं। फिर क्या था, शहर के हॉस्पीटलों में लोगों ने अपने आगे की डेट को पीछे करवा लिया और इसी दिन बच्चे को जन्म देने की होड़ लग गई।