RANCHI: अगर आप भी रिम्स जा रहे हैं, तो जरा संभलकर जाएं। हास्पिटल के ओपन ड्रेनेज आपको बीमार कर सकते हैं, जहां कई दिनों से सीवरेज-ड्रेनेज का पानी ओवर फ्लो होकर बह रहा है। वहीं दुर्गध की वजह से आसपास लोगों का गुजरना भी मुश्किल हो रहा है। अगर यही स्थिति रही तो हास्पिटल में मरीज ठीक होने की बजाय और बीमार हो जाएगा। इतना ही नहीं, गंदगी के कारण मच्छरों का भी प्रकोप काफी बढ़ गया है। जबकि कैंपस में सफाई पर हर साल तीन करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जाते हैं। वहीं पीएचइडी वालों को भी एक करोड़ रुपए का भुगतान किया जाता है। इसके बावजूद रिम्स प्रबंधन कोई एक्शन नहीं ले रहा है।

पास ही ट्रामा के मरीजों का इलाज

हास्पिटल की मेन बिल्डिंग में ही डेंगू, मलेरिया के अलावा गंभीर मरीजों को भी रखा जाता है। वहीं ट्रामा वाले मरीज भी इलाज करा रहे हैं। इसके बावजूद महज 10 मीटर की दूरी पर ड्रेनेज ओवर फ्लो हो रहा है। इतना ही नहीं, आर्थो और आइसीयू के मरीज भी बिल्कुल पास में हैं। इसके बावजूद ड्रेनेज की सफाई नहीं की जाती है।

क्या कहते हैं मरीज

दुर्गध के कारण काफी परेशानी हो रही है। मरीज का इलाज कराना है तो मजबूरी में हैं। अगर गुजरते है तो सांस को रोकना पड़ता है। हास्पिटल में तो कम से कम सफाई रखनी चाहिए।

ललन

नाले का पानी दुर्गध दे रहा है। सुबह से लेकर शाम तक बहता रहता है। ऊपर से बारिश ने और परेशानी बढ़ा दी है। मच्छर भी काफी बढ़ गए हैं। हास्पिटल के अंदर भी रहना मुश्किल हो रहा है।

सूरज

इतना बड़ा हास्पिटल है, लेकिन सफाई की व्यवस्था नहीं है। ड्रेनेज ओवर फ्लो हो रहा है लेकिन कोई देखने वाला नहीं है। छोटी-छोटी चीजों के लिए तो कंप्लेन नहीं न कर सकते हैं।

अजीत

वर्जन

ऐसी कोई जानकारी तो फिलहाल नहीं मिली है। किसी ने इस मामले में कंप्लेन भी नहीं की है। अगर सीवरेज-ड्रेनेज ओवर फ्लो हो रहा है, तो इसे तत्काल दुरुस्त कराया जाएगा।

-डॉ। गोपाल श्रीवास्तव, डिप्टी सुपरिंटेंडेंट, रिम्स