सजा होने के बाद केस नहीं हो सकता ट्रांसफर
इस्लामाबाद (पीटीआई)।
पाकिस्तान के जवाबदेही अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उनके खिलाफ बचे दो भ्रष्टाचार के मामलों को दूसरे कोर्ट में ट्रांसफर करने की बात कही गयी थी। अब इससे साफ हो गया है कि नवाज पाकिस्तान लौटने के बाद बिना किसी विकल्प के सीधे जेल जायेंगे। जियो टीवी ने बताया कि इस्लामाबाद जवाबदेही न्यायालय के जज मोहम्मद बशीर ने कहा कि शरीफ परिवार के सदस्यों को एक मामले में सजा हो चुकी है,  वह बाकी बचे दो केस को ट्रांसफर करने का निर्णय खुद नहीं ले सकते हैं।

ट्रांसफर के लिए कई प्रावधान
जज ने कहा कि इस मामले को किसी अन्य अदालत में ट्रांसफर करने के लिए प्रासंगिक उच्च न्यायालय के अधिकारियों से संपर्क करना जरूरी है और अगर मामले को प्रांतों में ट्रांसफर किया जाना है, तो सुप्रीम कोर्ट से संज्ञान लेने की जरूरत है। बता दें कि एहतिसाब (जवाबदेही) अदालत ने पिछले शुक्रवार को पनामा पेपर्स कांड से जुड़े भ्रष्टाचार के तीन मामलों में से एक में नवाज शरीफ को दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा सुनाई है और इसी मामले में उनकी बेटी मरियम को 7 साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा मरियम के पति मोहम्मद सफदर को भी एक साल की सजा हुई है। इस मामले में सफदर को पाकिस्तान में गिरफ्तार कर रावलपिंडी की अदियाला जेल भेज दिया गया है।

अपनी पत्नी का करा रहे इलाज

अब नवाज शरीफ बाकी बचे दो मामलों को किसी दूसरे कोर्ट में ट्रांसफर करना चाहते हैं लेकिन उनके इस विचार पर एहतिसाब (जवाबदेही) अदालत ने पानी फेर दिया और उनकी याचिका खारीज कर दी। बता दें कि नवाज शरीफ इन दिनों बेटी मरियम के साथ लंदन में अपनी पत्नी कुसुम का इलाज करा रहे हैं, कुसुम को पिछले महीने दिल का दौरा पड़ा था इसके बाद से वो कोमा में हैं।

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भ्रष्टाचार मामले में नवाज शरीफ को 10 साल और बेटी मरियम को 7 साल की सजा

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