फलस्तीनी मिशन के प्रमुख जमाल अल जमाल के घर के बाहर ही ये धमाका हुआ. उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई.

फलस्तीनी अधिकारियों का कहना है कि ये हमला तब किया गया जब जमाल अपने परिसर में टहल रहे थे. वहीं चेक पुलिस का कहना है कि इस बात के कोई प्रमाण नहीं हैं कि ये हमला पूर्व नियोजित था.

"विस्फोटक को ठीक उस समय फेंका गया जब दरवाजा खुला. पुलिस इस बात से इंकार नहीं कर रही है कि विस्फोट को वहीं रखा गया हो."

-एंद्रे जूलोवा, चेक पुलिस के प्रवक्ता

इस दौरान विस्फोट की आवाज से सदमे में आई एक 52-वर्षीया महिला को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

फलस्तीनी मिशन के प्रवक्ता नाबिल अल फ़हेल ने चेक गणराज्य के सरकारी रेडियो को बताया कि जिस समय ये विस्फोट हुआ उस वक्त जमाल अपने परिवार के साथ घर पर थे.

जमाल इस घर में हाल ही में आए थे.

चेक पुलिस के प्रवक्ता एंद्रे जूलोवा ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया, "विस्फोटक को ठीक उस समय फेंका गया जब दरवाजा खुला. पुलिस इस बात से इंकार नहीं कर रही है कि विस्फोट को वहीं रखा गया हो."

फलस्तीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि वो जांच में सहयोग के लिए एक प्रतिनिधिमंडल प्राग भेजेगा.

फलस्तीनी मुक्ति संगठन यानी पीएलओ को संयुक्त राष्ट्र और इसरायल दोनों ने फलस्तीनी लोगों के प्रतिनिधित्व के लिए मान्यता दे रखी है. इस संगठन के यूरोपीय और दूसरे देशों में राजनयिक हैं और प्राग में भी उसका एक मिशन है.

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