-रेलवे स्टेशन, सरकारी दफ्तर या घर हर जगह हो रही पानी की बर्बादी

-अभी न चेते तो दो एक बूंद पानी के लिए भी तरस जाएगी काशी

पानी का महत्व हर किसी को पता है लेकिन इसे बचाने के प्रति हर कोई गंभीर नहीं है। ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा जो दिल खोलकर पानी बर्बाद करते हैं। इसमें कॉमन पब्लिक के साथ सरकारी विभाग भी शामिल हैं।

रेलवे स्टेशन हो या सरकारी कार्यालय, अपार्टमेंट-मकान, सकरी गलियां हो या सड़क हर जगह पानी की बर्बादी हो रही है। पिछले एक सप्ताह से दैनिक जागरण आई नेक्स्ट में प्रकाशित हो रही वाटर माफिया कैंपेन में आज हम बात कर रहे हैं जगह की जहां लगातार पानी की बर्बादी हो रही है।

खोदाई में हजारों लीटर बर्बाद

शहर में अरसे से विकास कार्य हो रहा है। बनारस को स्मार्ट बनाने के लिए अरबों रुपये खर्च हो रहे हैं, लेकिन पानी की बर्बादी को रोकने का कोई ठोस इंतजाम नहंी हो रहा है। बिजली के तार बिछाने और सड़क निर्माण के दौरान कई बार पेयजल पाइप लाइन टूट चुकी है। इससे लाखों लीटर पानी बर्बाद हो जाता है। भिखारीपुर-अमरा बाईपास फोरलेन निर्माण के दौरान जर्जर पाइप लाइन कई बार टूट चुकी है। सरकार 2024 तक सभी घरों में टोटी से पानी पहुंचाने का दावा तो कर रही है। पर यह तभी संभव है जब लोगों में पानी की बर्बादी रोकने को लेकर जागरुकता आये।

टोटियां हो रहीं तर

एक तरफ जहां बड़ी आबादी बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रही है, वहीं शहर में लाखों लीटर पानी जर्जर पाइप लाइन और खुली टोटी के चलते बर्बाद हो रहा है। खुली टोटियां उन रास्तों पर हैं, जहां से जिम्मेदार रोज गुजरते हैं। जलकल महीने भर में 100 से अधिक लिकेज की शिकायतों के निस्तारण में काफी रुपये खर्च करता है। लेकिन पानी की बर्बादी पर अंकुश नहीं दिख रहा है। पुराने और जर्जर पाइप लाइन से लाखों लीटर पानी जमीन के अंदर ही बह जाते है। डीडीयू हॉस्पिटल में बने वन स्टाप सेंटर के बाहर पिछले एक साल से जर्जर पानी की टंकी से डेली हजारों लीटर पानी बह रहा था। कुछ दिन पहले टंकी तो बन गई, लेकिन उसके पास जमीन के नीचे पाइन लाइन फटने से लगातार पानी बह रहा है।

टंकी तो कहीं टोटी से

लहरतारा स्थित लोको कॉलोनी के पास बनी पानी की टंकी जर्जर हालत में है। रिपेयर न होने की वजह से टंकी से डेली हजारों लीटर पानी बह जा रहा है। वहीं मंडुवाडीह स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर मौजूद शौचालय से टोटी गायब है जिससे 24 घंटे लगातार पानी बह रहा है। यही नहीं जिन पाइपों से ट्रेनों में पानी भरा जाता है उसे भी अक्सर खुला छोड़ दिया जाता है। स्टेशन प्रशासन की उदासीनता के चलते हजारों लीटर पानी हर रोज बर्बाद हो रहा है।

पानी बचाने के लिए क्या करे पब्लिक

-दंत मंजन करते या दाढ़ी बनाते समय नल को खुला ना छोड़ें

-बाल्टी में पानी लेकर बर्तन साफ करके पानी बचा सकते हैं

-पानी की टंकी में वॉल्व अवश्य लगाएं

-सड़कों पर पानी का छिड़काव न करें

-टपकती टोटी को बदल दें या उसके नीचे बाल्टी लगाकर पानी बचाएं

-जरूरत के हिसाब से बाग को सींचे

-सार्वजनिक नलों मे लीकेज की शिकायत तत्काल करें

-रेलवे स्टेशन पर ऐसी टोटी का इस्तेमाल किया जाए जो पानी देने के बाद खुद बंद हो जाए

पानी बचाने की दिशा में लोगों को जागरुक होना पड़ेगा। जलकल पानी बचाने को लेकर लगातार प्रयासरत है। जहां कही से भी शिकायत मिलती है तुरंत दुरुस्त कराया जाता है।

नीरज गौड़, जीएम जलकल

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लहरतारा स्थित लोको कॉलोनी के पानी टंकी से लगातार पानी बह रहा है। शिकायत के बाद भी ठीक नहीं हुआ।

वंश गुप्ता, लहरतारा

मंडुवाडीह स्टेशन के प्लेटफार्म दो के शौचालय में टोटी न होने से लगातार पानी बह रहा है।

चंद्र प्रकाश, अजगरा

कैंट स्टेशन के प्लेटफार्म पर जमकर पानी की बर्बादी देखी जा सकती है। पेयजल के लिए बने स्टॉल से टोटियां नदारद हैं। जिससे हर वक्त पानी गिरता रहता है।

आशीष शांडिल्य,