-शहर में दूसरे डेयरी प्रोडक्ट्स से मिल रही टक्कर के चलते उठाया कदम

-127 साधन सहकारी समितियों पर पराग के प्रोडक्ट्स बेचने की तैयारी

Bareilly: दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड पराग डेयरी के प्रोडक्ट्स बेचने के लिए अब गांवों की ओर रुख किया है। क्योंकि, शहर में दूसरे ब्रांड के डेयरी प्रोडक्ट्स से मिल रही कड़ी टक्कर के बीच पराग का बिजनेस उठ नहीं पा रहा है। लिहाजा, गांवों में इसकी बिक्री डिस्ट्रिक्ट के सभी 127 साधन सहकारी समिति पर की जाएगी। जहां सुबह 8 बजे से शाम छह बजे तक लोग दूध, दही, पनीर समेत 20 प्रकार के उत्पादों की खरीद कर सकेंगे।

एक लाख लीटर दूध बेचने की तैयारी

पराग डेयरी के दूध की खपत शहर में 10,000 लीटर भी ढंग से नहीं है, लेकिन पराग डेयरी के अधिकारियों को गांवों में बड़ा बाजार नजर आ रहा है। एक लाख लीटर दूध बेचने की तैयारी में है। दिसम्बर के अंतिम सप्ताह तक पराग के दुग्ध उत्पाद गांवों में बिकने भी लगेंगे।

कंपनी ने घटाया मुनाफा

गांवों के बाजार में पैर जमाने के लिए पराग डेयरी के अधिकारियों ने प्रोडक्ट्स पर मुनाफा में भी कमी कर दी है। ताकि, साधन सहकारी समिति के लोग उनके उत्पाद को बेचने में इंटरेस्ट लें। इसके लिए प्रत्येक पैक पर कमीशन में भी करीब 50 पैसा का इजाफा किया है। शहर में अभी 20 रुपए के दूध पैकेट पर 2 रुपए ही कमीशन दुकानदार को मिलता है। इसके अलावा सभी साधन सहकारी समितियों पर पराग डेयरी की ओर से फ्रिजर भी मुहैया कराया जाएगा।

समूहों से मदद के लिए बढ़ाया हाथ

गांवों के बाजार में एक लाख लीटर दूध बेचने की तैयारी में जुटे पराग डेयरी के अधिकारियों ने दूध की आपूर्ति के लिए समूहों से सहयोग के लिए हाथ बढ़ाया है। समूहों के जरिए डेयरी प्रबंधन गांव-गांव से दूध की खरीद करेगा। उसे फिर विभिन्न उत्पादों में तब्दील कर बाजार में उतारेगा।

इन वस्तुओं की होगी बिक्री--

उत्पाद का नाम- मात्रा कीमत

टोंड दूध- 500 मिली। 20रु

लूज दूध- एक लीटर 46 रु।

एफसीएम दूध- 500 मिली। 26 रु

पनीर- एक किलो - 300 रु।

खोया- एक किलो- 300 रु।

पराग मक्खन- 500ग्रा। 220 रु।

पेड़ा- 200 ग्रा। 65रु।

छाछ- 500 मिली। 10 रु।

वर्जन-

शहर वालों की तरह गांव में भी आसानी से पराग के दूध, दही व अन्य उत्पाद मिल सकें इसके लिए कदम उठाया जा रहा है। पराग के जीएम से इस पर सहमति बन गई है। चंद दिनों में समितियों के पदाधिकारियों के साथ बैठकर व्यवस्था शुरू की दी जाएगी।

सत्येंद्र कुमार,सीडीओ, बरेली

वर्जन-

पराग की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए यह प्रयास किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में आसानी से पराग के प्रोडक्ट लोगों को मिल इस लिए यह प्रयास है।

गया प्रसाद, जीएम, दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ, बरेली