-रेल यात्रा के बाद हैंड टॉवेल, बेडशीट और ब्लैंकेट भी घर उठा ले जा रहे हैं कुछ पैसेंजर्स
-एनसीआर में एसी-3 कोच अटेंडेंट मांगने पर ही दे रहे हैंड टॉवेल
balaji.kesharwani@inext.co.in
PRAYAGRAJ: 'हम इसे बेहतर बनाएं और इसका लाभ उठाएं। रेलवे आपकी संपत्ति है.' अक्सर रेलवे स्टेशनों पर पैसेंजर्स के लिए इसी तरह का अनाउंसमेंट होता रहता है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि रेलवे जो सुविधाएं दे रहा है, उसे आप अपने घर उठा ले जाएं। लेकिन एसी कोच में सफर करने वाले कुछ पैसेंजर्स की हरकतों के चलते एक तरफ रेलवे को चूना लग रहा है। वहीं दूसरी तरफ इन्नोसेंट पैसेंजर्स बदनाम होने के साथ-साथ परेशान भी हो रहे हैं।
तो हटा दिया
ट्रेनों में बेडरोल की बढ़ रही चोरी को देखते हुए ही कोच अटेंडेंटों ने अब बेडरोल के साथ कंपल्सरी हैंड टॉवेल हटा दिया है। एसी-3 में अब मांगने पर ही हैंड टॉवेल दिया जा रहा है। हालांकि एसी-2 और एसी-1 कोच में हैंड टॉवेल सेफ रहते हैं।
यूज एंड थ्रू हैंड टॉवेल देने का था प्लान
ट्रेनों में हैंड टॉवेल और बेडशीट की लगातार बढ़ रही चोरी को देखते हुए ही रेलवे ने यूज एंड थ्रू हैंड टॉवेल यानी नैपकिन पैसेंजर्स को देने का प्लान बनाया था। लेकिन अभी यह निर्णय अभी तक लागू नहीं हो सका है। इस वजह से रेलवे को हर दिन घाटा हो रहा है।
एनसीआर के एसी-3 के मामले
2017-18
बेडशीट- 21,832
टॉवेल- 31,015
पिलो- 1,993
पिलो कवर- 10,426
ब्लैंकेट- 1213
2018-19 (अक्टूबर तक)
बेडशीट- 4871
टॉवेल- 12,679
पिलो- 1884
पिलो कवर- 2908
ब्लैंकेट- 1036
एक महीने के अंदर मैंने एसी-2 और एसी-3 दोनों में सफर किया। एसी-2 में तो बेडरोल के साथ टॉवेल मिल गया। लेकिन एसी-3 में कोच अटेंडेंट से हैंड टॉवेल मांगने पर ही दिया गया।
जय प्रकाश
एसी-3 में अब बिना मांगे हैंड टॉवेल पैसेंजर्स को नहीं मिलता। इसके लिए पैसेंजर्स ही जिम्मेदार हैं। यह लोग हैंड टॉवेल को अपनी प्रॉपर्टी समझ उठा ले जाते हैं।
विशाल
कुछ दिन पहले प्रयागराज से दुर्ग तक का सफर एसी-3 में किया। बेडरोल में टॉवेल नहीं था। पहले एक नहीं बल्कि दो-दो टॉवेल मिलता था।
विजय कुमार
20 फरवरी को मैंने सारनाथ एक्सप्रेस से भिलाई से इलाहाबाद तक का सफर एसी-3 में किया। कोच में बेडरोल तो मिला, लेकिन उसमें टॉवेल नहीं था।
कामिनी
बेड रोल के साथ रेलवे ने पैसेंजर्स को हैंड टॉवेल देना बंद कर दिया है, ऐसा बिल्कुल नहीं है। पहले जैसी ही व्यवस्था लागू है। लेकिन हकीकत ये भी है कि ट्रेनों में बेडशीट, टॉवेल, पिलो, ब्लैंकेट आदि चोरी किए जाने की घटनाएं बढ़ गई हैं। कुछ कोच अटेंडेंट अब मांगने पर ही पैसेंजर्स को हैंड टॉवेल देते हैं।
-मनीष कुमार सिंह
पीआरओ, एनसीआर