पीसीएस 2016 मेंस का रिजल्ट फंसा, 2017 का मेंस भी लेट

2018 के नोटिफिकेशन का ही अब तक अता-पता नहीं

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: सीबीआई जांच झेल रहे यूपीपीएससी के लिए पेंडिंग रिजल्ट डिक्लेयर करना और नई भर्तियों के विज्ञापन जारी करना टेढ़ी खीर बनता जा रहा है। इसका उदाहरण पीसीएस की तीन भर्तियां हैं। आयोग पीसीएस 2016 मेंस का परिणाम फंसाकर बैठा है। पीसीएस 2017 मेंस की परीक्षा समय पर नहीं करायी जा सकी और पीसीएस 2018 के नोटिफिकेशन का अता पता नहीं है।

मार्च के अंत तक आना था रिजल्ट

16 फरवरी को पीसीएस मेंस 2016 परीक्षा परिणाम समेत कई मांगों को लेकर प्रतियोगियों ने आयोग कार्यालय पर प्रदर्शन किया था। उस समय आयोग के अफसरों ने आश्वासन की घुट्टी पिलाकर उन्हें वापस लौटा दिया था। तब प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष प्रशान्त पाण्डेय के नेतृत्व मे पहुंचे प्रतियोगियों को सचिव जगदीश ने आश्वस्त किया था कि मार्च के अंतिम सप्ताह तक मुख्य परीक्षा 2016 का परिणाम घोषित कर दिया जायेगा। तब सचिव का कहना था कि दो तीन विषयों की कांपियों को छोड़कर बाकी विषयों की कांपियां जांची जा चुकी हैं। जबकि इस बीच यूपीपीएससी ने पीसीएस 2017 मुख्य परीक्षा को भी स्थगित कर दिया। परीक्षा की नई डेट 17 मई से घोषित कर दी गयी है। फरवरी में परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार की ओर से जारी सूचना में कहा गया था कि परीक्षा अपरिहार्य कारणों से स्थगित की गयी हैं।

पीसीएस 2017 से जुड़े तथ्य

यूपीपीएससी ने पीसीएस प्री 2017 का परिणाम 19 जनवरी को घोषित किया

इसमें 677 रिक्तियों की सापेक्ष 14,032 अभ्यर्थी सफल घोषित

प्री में कुल 4,55,297 ने आवेदन किया था

2,46,654 परीक्षार्थी ही परीक्षा में शामिल हुये थे।

पीसीएस 2016 की खास बातें

पीसीएस 2016 मुख्य परीक्षा सितम्बर 2016 में करवायी गयी थी।

इसके प्री के रिजल्ट को गलत उत्तरों के चलते इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संशोधित करके मुख्य परीक्षा करवाने के लिये कहा था।

हाईकोर्ट के आदेश के बाद लोक सेवा आयोग सुप्रीम कोर्ट चला गया

पीसीएस 2018

पीसीएस 2018 का नोटिफिकेशन मार्च में आने की उम्मीद थी।

आयोग के कैलेंडर के मुताबिक इसकी परीक्षा आगामी 24 जून को होनी है।

अभी तक विज्ञापन का अता पता नहीं है।

परीक्षा नए सिलेबस पर करवाए जाने की बात कही गयी है

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पीसीएस प्री 2017 परिणाम की तिथि और मेंस परीक्षा की तिथि के बीच का अंतर एक एग्जाम्पल है। आयोग में ऐसी परंपरा बनती जा रही है। पहले देर से रिजल्ट निकालो फिर हंगामा मचे तो आगे की परीक्षा टाल दो।

अशोक पांडेय

आयोग हर छह माह में कैलेंडर जारी करता है। इसके एकार्डिग विज्ञापन, परीक्षा और परिणाम निकलने चाहिये। बीते कई वर्षो से तयशुदा समय पर कुछ नहीं हो रहा। आयोग मनमाना है। सरकार भी खामोश है।

मनोज उपाध्याय

आयोग की सबसे बड़ी परीक्षा पीसीएस है। सोचने वाली बात है जब इसी का यही हाल है तो बाकी परीक्षाओं का क्या होगा? इसके आगे सारे दावे और वादे बेमानी हो जाते हैं।

राहुल द्विवेदी

पूर्व की सरकार में निष्पक्ष तरीके से चयन नहीं हुआ। अब सीबीआई जांच हो रही है तो क्या सबकुछ ठप हो जाएगा और फिर प्रतियोगियों को नौकरी नहीं मिलेगी। मतलब कि दोनो तरफ से हम ही ठगे जायेंगे।

मनीष