वर्ल्ड साइट डे पर विशेष
- हर साल अक्टूबर के दूसरे गुरुवार को मनाया जाता है वर्ल्ड साइट डे
- इस बार 12 अक्टूबर को मनाया जा रहा है वर्ल्ड साइट डे
- 2003 में मेडिकल कॉलेज में नेत्र ओपीडी व आई बैंक की शुरुआत हुई थी।
- 120 से 130 तक आई डोनेट हो पाती थी बीते वर्षो में
- 150 लोग तकरीबन आई डोनेट कर रहे हैं इस वर्ष के आंकड़ों के मुताबिक
- 2003 से अब तक करीब 1200 से 1500 लोगों में नेत्र प्रत्यारोपण
- 1500 केस नेत्र प्रत्यारोपण के पेंडिंग रहते हैं हर साल
- कॉर्नियल ओपेसिटी, कॉर्नियल डिस्ट्रॉफी, कार्नियल परपोरेशन, पुतली का सफेद होना, पुतली का फटना, पुतली में जन्मजात बीमारियां होने पर आंखों का प्रत्यारोपण किया जाता है।
- आंखों में फंगस इंफेक्शन, अल्सर होने पर भी नेत्र प्रत्यारोपण किया जाता है।
- कोई भी स्वस्थ व्यक्ति नेत्रदान कर सकता है।
- आंखों की सर्जरी हो चुकी हो, तब भी नेत्रदान किया जा सकता है।
- चश्मा या कांटेक्ट लेंस पहनने वाले भी नेत्रदान कर सकते हैं।
- आंखें दान करने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं होती है।
- पानी में डूबकर मरने वाले व्यक्ति की आंखें दान नहीं की जा सकतीं।
- एड्स, पीलिया, ब्रेन टय़ूमर, फूड पॉइजनिंग, सेप्टोसेमिया और मांस में सड़न वाले रोगी नेत्रदान नहीं कर सकते।
- हेपेटाइटिस, कैंसर के साथ ही डॉग बॉइट से पीडि़त लोग भी नेत्रदान नहीं कर सकते हैं।
Meerut। दुनिया की खूबसूरती को देखने के लिए इंसान को आंखें मिली हैं। आंखों में हमेशा उजाला रहे और दुनिया से जाने के बाद किसी और को यह उजाला मिले इसके लिए हर साल वर्ल्ड साइड डे मनाया जाता है। शहर में एकमात्र मेडिकल कॉलेज में आई बैंक हैं।
कैसे करें नेत्रदान
नेत्रदान के लिए मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में कमरा नंबर 10 में व आई बैंक में जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवा लें। अगर रजिस्ट्रेशन नहीं भी करवाया हैं तो भी नेत्रदान करवाया जा सकता है।
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वर्जन
नेत्र दान को लेकर अब लोग काफी अवेयर हो गए हैं। जागरूकता भी बढ़ी हैं। हम लोग कैंप लगाकर लोगों को आई डोनेट कराने के बारे में जागरूक रहते हैं।
-डॉ। संदीप मित्तल, आई सर्जन, मेडिकल कॉलेज