- हेल्थ और फिटनेस के प्रति अवेयर हो रहे गोरखपुराइट्स

- बढ़ती बीमारियों के बीच जॉगिंग और जिमिंग अपना रहे लोग

GORAKHPUR: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्रिकेटर विराट कोहली के फिटनेस चैलेंज देने की चुनौती के बाद सोशल साइट्स पर फिटनेस चैलेंज देने की बातें आजकल खूब हो रही हैं। जिसे देखो वही एक-दूसरे को चैलेंज कर रहा है और अपना वीडियो सोशल साइट पर डाल रहा है। ऐसे में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट भी गोरखपुराइट्स के फिटनेस को चैलेंज कर रहा है। हमने यह जानने का प्रयास किया कि गोरखपुर की फिटनेस कितनी सही है। इस संबंध में जब पड़ताल की गई तो पता चला कि गोरखपुराइट्स हाल के दिनों में अपनी फिटनेस को लेकर खासा चिंतित और जागरूक भी है। पहले जहां इक्का-दुक्का लोग ही पार्को में टहलने या जिम जाते थे। वहीं, अब पार्को में टहलने के लिए जगह की कमी हो जा रही है। जबकि, जिम तो कई शिफ्ट में चलने लगे हैं।

फिटनेस बना प्रायोरिटी

पहले की तुलना में अब ज्यादातर लोग अपनी हेल्थ और फिटनेस को लेकर ज्यादा अवेयर दिख रहे हैं। गोरखपुराइट्स में भी ये हैबिट खूब देखने मिल रही है। बीत कुछ वर्षो में शहर में डायबटिज, थायराइड, बीपी और मोटापे के केस तेजी से बढ़ हैं। इन परेशानियों से जूझ रहे लोग जहां अपनी सेहत दुरुस्त करने के लिए हर तरीका अपना रहे हैं। वहीं, जिन्हें दिक्कत नहीं भी है, वे भी फिटनेस को लेकर खासे सचेत दिख रहे हैं। इसी का नतीजा है कि पहले जहां पार्को में टहलने और जिम जाने वालों की संख्या लिमिटेड होती थी। इधर कुछ वर्षो में ये हैबिट्स यहां भी ट्रेंड बनकर उभरी हैं। तमाम पार्को से लेकर जिम तक में डेली सैकड़ों फिटनेस फ्रीक्स देखे जा सकते हैं। युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक सभी फिटनेस हासिल करने की जुगत में घंटों पसीना बहा रहे हैं। उनके लिए फिटनेस फ‌र्स्ट प्राइयोरिटी हो गई है। उनका मानना है कि हेल्थ अच्छी हो तो ही सबकुछ अच्छा होगा।

टाइम मैनेजमेंट से हो रहा वर्कआउट

आजकल की बिजी लाइफ में भी लोग अपनी फिटनेस को लेकर काफी अवेयर हैं। मिडिल क्लास से लेकर एलीट क्लास तक हर कोई अपनी फिटनेस को लेकर जरूर सोच रहा है। लोग बाकायदा टाइम मैनेजमेंट के हिसाब से वर्कआउट कर रहे हैं। खुद को फिट एंड फाइन रखने के लिए लोग डाइट से लेकर योग, जिम, एरोबिक्स, डांस जैसे ऑप्शंस भी खूब अपना रहे हैं।

डेली रूटीन का हिस्सा बना जिम

चार-पांच साल पहले शहर के लोग अपनी सेहत को लेकर उतने अवेयर नहीं थे। लेकिन इधर तेजी से लोगों में अवेयरनेस बढ़ी है। फिटनेस हासिल करने की रेस में जिम तो लोगों के डेली रूटीन का हिस्सा ही बनता जा रहा है। इन दिनों काफी युवा और बुजुर्ग डायबिटिज और बीपी की बीमारी से ग्रसित है। वहीं, महिलाएं थायराइड की चपेट में आ चुकी हैं। खान-पान की वजह से बच्चे भी मोटापे की गिरफ्त में आ रह हैं। विशेषज्ञों की मानें तो जिले में 50 फीसदी से ज्यादा लोग इन बीमारियों की चपेट में आ गए है। जिम संचालकों की मानें तो 35 से 40 साल उम्र वाले काफी लोग जिम ज्वॉइन कर रहे हैं। जिम में उनके डाइट पर ध्यान दिया जाता है। साथ ही बीमारी के हिसाब से उन्हें व्यायाम करवाया जाता है। पहले जहां चार से पांच लोग जिम करने के लिए आते थे। लेकिन इन दिनों ज्यादातर जिम में 100 से 200 मेंबर्स हो गए हैं।

कोट्स

इन दिनों ओपीडी में शुगर, थायराइड, बीपी के मरीजों की संख्या बढ़ी है। उनकी जांच रिपोर्ट के हिसाब से परामर्श दिया जाता है। साथ ही दवाओं के साथ सेहत को फिट करने के लिए व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। जिससे वह अपने को फिट महसूस करें।

- डॉ। बीके सुमन, फिजिशियन जिला अस्पताल

दौड़भाग भरी जिंदगी में लोग खान-पान और अपनी सेहत पर ध्यान नही देते हैं। जिसके वजह से तमाम बीमारियां उन्हें जकड़ लेती है। शुगर, थाइराइड, मोटापा, बीपी इसकी का नतीजा है। यदि इन बीमारियों से राहत पानी है तो उन्हें अपनी दिनचर्या में बदलाव लाने की जरूरत है। डॉक्टर्स से परामर्श लेने के बाद प्रॉपर दवा का सेवन करें ओर अपने डाइट पर विशेष ध्यान दे। साथ ही सुबह व्यायाम करें।

डॉ। भरत सिंह, फिजिशियन

अपनी सेहत को लेकर इन दिनों जिम में लोगों की संख्या बढ़ी है। 35 से 40 उम्र वाले लोग डायबिटिज व बीपी के शिकायत है। तो वहीं 25 की उम्र वाली महिलाओं में थायराइड की शिकायत है जो जिम में आ रहे हैं। वहीं खानापान की वजह से बच्चे में मोटापा की शिकायत सबसे ज्यादा है। जिम में उनके डाइट को मेंटेन किया जाता है और हर समय उनकी सेहत पर विशेष ध्यान दिया जाता है कि वह फिट रहें

नीर सिंह, जिम ट्रेनर

मोटापा, शुगर, बीपी, थायरायड वाले रोगी इन दिनों जिम में आ रहे हैं। आजकल थायराइड से बच्चे भी ग्रसित हैं। इन बीमारियों से छुटकारा दिलाने के लिए डाइट पर विशेष ध्यान दिया जाता है। साथ ही अलग-अलग व्यायाम भी करवाया जाता है।

- विनीत चौरसिया, जिम ट्रेनर

डायबटिज मरीज - 80 फीसदी

थायराइड के रोगी - 50 फीसदी

मोटापा से ग्रसित - 60 फीसदी

बीपी से ग्रसित - 70 फीसदी