-माफिया के खिलाफ मोर्चे पर चुकानी पड़ रही कीमत

-अंजाम भुगतने की मिलती है धमकी, साजिश में फंसाने का डर

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र:

गोरखपुर में अगर आप भ्रष्टाचार या दबंगई की शिकायत करने की सोच रहे हैं तो परेशानी झेलने के लिए परेशान रही। क्योंकि यहां अफसर से लेकर दबंग तक बेलगाम हो गए हैं। प्रदेश सरकार जहां लोगों को भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, वहीं दबंग उल्टे शिकायत करने वाले या उनके परिजनों को ही झूठे मुकदमे में फंसा दे रहे हैं। हाल के दिनों में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें शिकायतकर्ता किसी न किसी साजिश के शिकार हो चुके हैं।

केस एक

अवैध कब्जे की शिकायत पर मढ़े झूठे आरोप

शाहपुर एरिया के आवास विकास कॉलोनी योजना संख्या 2-3, गीता वाटिका में सरकारी भूमि पर फर्जी तरीके से पट्टा कर निर्माण कराया गया है। बताया जाता है कि डीएम के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर आवास विकास परिषद के लोगों की मदद से पट्टा करा दिया गया। मामले की जानकारी होने पर आवास कॉलोनी की जनसेवा समिति के लोगों ने मामले शिकायत डीएम, कमिश्नर और शासन में कर दी। शिकायत होने के बाद से इस प्रकरण से जुड़े प्रापर्टी डीलर और दबंग के किस्म के लोगों ने साजिश रचनी शुरू कर दी। जनसेवा समिति के लोगों के खिलाफ शाहपुर सहित कई थानों पर तहरीर देकर केस दर्ज कराने की मांग की गई। हालांकि जांच में मामला सामने आने पर पुलिस ने केस नहीं दर्ज किया। जिससे लोगों ने राहत की सांस ली।

केस दो:

जंगल में कब्जे की शिकायत पर कराई छापेमारी

कैंपियरगंज एरिया के राजपुर निवासी रमेश सिंह ने नौ मार्च को सीएम को शिकायत पत्र भेजा था। उन्होंने बताया कि वन विभाग की सरकारी भूमि पर कुछ लोगों से पैसा लेकर कब्जा दिलाया गया है। शिकायत करने पर जिले स्तर से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों के भूमिका की जांच कराने की मांग की। रजिस्टर्ड पत्र सहित मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर भी मामले की शिकायत कर दी। इससे रमेश की मुश्किल बढ़ गई। उनकी शिकायत से बौखलाए अतिक्रमणकारियों ने मामले को दूसरा मोड़ दे दिया। शनिवार को वन विभाग के अधिकारियों ने उनके घर में छापेमारी की। बताया जाता है कि वहां से लकड़ी बरामद करके वन विभाग ने केस दर्ज कराया। रमेश का कहना है कि वह फर्नीचर का कारोबार करते हैं। लेकिन इसके लिए वैध तरीके से डिपो की लकड़ी खरीदते हैं। शिकायत से बौखलाएं अधिकारियों-कर्मचारियों की शिकायत पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

शिकायतकर्ताओं को नहीं मिलती कोई सुरक्षा

भू माफिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए पोर्टल लांच किया गया है। इसके अलावा कोई भी व्यक्ति किसी तरह की शिकायत आईजीआरएस पर दर्ज करा सकता है। सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा, सरकारी बिल्डिंग के अवैध इस्तेमाल, अवैध खनन, वन विभाग से कटान, सरकारी विभागों में अधिकारियों-कर्मचारियों की अवैध वसूली सहित अन्य मामलों की शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। सरकार बदलने के बाद लोगों में उम्मीद जगी थी कि इससे अवैध कारोबार करने वालों पर अंकुश लगाया जा सकेगा। लेकिन शिकायत के बाद आरोपित पक्ष तरह-तरह से शिकायतकर्ताओं का उत्पीड़न करने में लगे हैं। फर्जी म़ुकदमा दर्ज कराए जाने या अन्य किसी मामले में फंसाए जाने की साजिश से कई लोगों ने अपनी शिकायतें वापस भी ले ली हैं। सरकारी महकमे के लोगों की गरदन फंसने पर तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।

वर्जन