-रात भर सोते-जागते रहे और दिन भर डरे-सहमे रहे पटनाइट्स

-भूकंप से नींद में भी डर जा रहे हैं लोग, दिन में नींद कर रहे पूरी

PATNA: भूकंप कब आ जाएगा, किसी को नहीं मालूम। खैरियत है कि ख्भ् अप्रैल और क्ख् अप्रैल को आए बड़े झटके दिन में ही आए। रात में आते तो बड़ी तबाही मचती, पर लोग जानते हैं कि ये रात में भी आ सकता है, इसलिए लोगों की रात की नींद उड़ी रही। हाईपरटेंशन के जो लोग नींद की गोली खाकर सोने के आदी हैं, उन्होंने रात को नींद की गोली नहीं खायी। नतीजा दूसरे दिन छुट्टी ली और दिन में दवा खाकर किसी तरह से सोए।

बार-बार कंपन की कंप्लेन

बच्चों की चांदी रही। स्कूलों में बुधवार से छुट्टी हो गई इस वजह से बच्चों को सुबह उठकर तैयार होने की जल्दबाजी नहीं थी। बच्चे देर तक सोए। मम्मियों की नींद डर से रात में पूरी नहीं हुई, इसलिए उन्होंने भी सुबह नींद पूरी की। डॉ राजीव कुमार सिंह ने बताया कि कई ऐसे पेशेंट आए, जिन्हें शरीर में बार-बार कंपन की कंप्लेन है। ऐसे लोग नींद में जाग जा रहे हैं एकाएक। डॉ जेडी सिंह ने बताया कि लोग डरे हैं अंदर से, इसलिए सिर में चक्कर आने अनिद्रा की शिकायत कई लोगों में है। भूकंप का डर मन से निकाल दें और अलर्ट रहें।

खुले में रहे रात भर

राजधानी वाटिका सहित पटना के अन्य पार्को में रात भर लोग डटे रहे। इनके लिए रात में पूरी लाइट जली रही। पानी आदि का भी बंदोबस्त था। सीएम नीतीश कुमार ने देर रात पार्क पहुंच लोगों से धैर्य रखने की अपील की। गांधी मैदान में भी लोगों की भीड़ जुटी रही।

चाभी साथ लेकर सोए

लोग इसके लिए तैयार रहे कि जैसे भूकंप आएगा कि वे उठकर भागेंगे। कई लोग फूलपैंट,शर्ट पहनकर सोए। इसी तरह नाइट ड्रेस की बजाए कई महिलाएं साड़ी पहन कर रात भर रहीं। कुछ ने तो सोने-चांदी और रुपए एक बैग में इकट्ठे कर रखे थे। ज्यादातर पटनाइट्स रात में गेट के ताले की चाभी अपने तकिए के नीचे रखकर सोए। बालकोनी की लाइट हर रात बुझ जाती थी, लेकिन मंगलवार की रात यह जली रही। पटना के ज्यादातर अपार्टमेंटों का हाल ये रहा कि लोग ग्राउंड फ्लोर पर रहे रात में। नीचे ही बिछावन बिछाया गया और लोगों ने रात बितायी। डरे- सहमे।