महंगाई पर होगा असर

अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतों में लगातार गिरावट के चलते तेल कंपनियों ने कीमतों में कटौती का फैसला लिया है. पेट्रोल और डीजल की कीमतों में गिरावट का प्रभाव कारोबारी सत्र में ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के शेयर पर देखने को मिल सकता है, क्योंकि कल के सत्र में सभी OMCs के शेयर भारी गिरावट के साथ बंद हुए. BPCL 4.68 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ. वहीं IOC और HPCL में भी 3 से 4 फीसदी की गिरावट देखने को मिली. एक अनुमान के मुताबिक एग्री कमोडिटी की कीमतों में 5 फीसदी हिस्सा ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट का होता है. ऐसे में डीजल की कीमतों में कटौती का सीधा असर महंगाई में गिरावट के रूप में भी देखने को मिलेगा.

आठवीं बार हुई कटौती

अगस्त 2014 के बाद से पेट्रोल के दाम में लगातार आठवीं बार कटौती की जा रही है. जबकि सरकारी नियंत्रण से मुक्त होने के बाद डीजल में यह तीसरी कटौती की गई है. अभी 18 अक्टूबर को छह साल बाद पहली बार डीजल के दाम 3.37 रुपये घटे थे.पेट्रोल के दाम भी अगस्त से अब तक करीब 11 रुपये कम हो चुके है. इस तरह पेट्रोल कीमतें 16 महीने के न्यूनतम स्तर और डीजल का दाम पिछले साल के बराबर हो गया है. पट्रोल और डीजल के सस्ता होने से न सिर्फ आम आदमी को बड़ी राहत मिली है, बल्कि ट्रांसपोर्ट पर निर्भर स्टील, सीमेंट, कंज्यूमर ड्यूरेबल और ऑटोमोबाइल जैसे उद्योगों को भी राहत की उम्मीद की जा रही है.

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