- 17 सितंबर से दो अक्टूबर के बीच लगातार बढ़ीं पेट्रोल और डीजल की कीमतें

आगरा। पेट्रोल-डीजल की दरें प्रत्येक दिन बढ़ रही हैं। जिससे खास-ओ-आम सभी परेशान हैं। पेट्रोल-डीजल की बढ़ रही दरों के कारण ट्रांसपोर्ट से लेकर दैनिक उपयोग की वस्तुएं प्रभावित हो रही हैं। तमाम विरोध के बाद भी सरकार बढ़ती दरों पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रही हैं। 17 सितंबर से लेकर दो अक्टूबर के बीच में एक भी दिन ऐसा नहीं हुआ कि पेट्रोल-डीजल के दाम कम हुए हों। बल्कि इस बीच पेट्रोल 81.50 से बढ़कर 82.95 रुपये और डीजल 73.72 से बढ़कर 75.17 रुपये हो गया।

विरोध का भी नहीं हो रहा असर

पेट्रोल-डीजल की बढ़ती दरों का असर दूसरे क्षेत्रों में भी देखा जा रहा है। जिसका सीधा असर समाज के हर वर्ग के व्यक्ति पर पड़ रहा है। बढ़ती कीमतों को लेकर आम जन के साथ ही विपक्षी दलों ने भी विरोध-प्रदर्शन किए, लेकिन केंद्र सरकार पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है। सरकारों ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सब कुछ निर्भर है, जिसमें केंद्र सरकार कुछ भी नहीं कर सकती है। प्रदेश सरकारों के पाले में गेंद को डाल दिया गया है। तमाम टैक्सों के कारण पेट्रोल-डीजल और ज्यादा महंगा हो रहा है। जबकि केंद्र और प्रदेश सरकार चाहे तो पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कंट्रोल किया जा सकता है।

जीएसटी के दायरे में क्यों नहीं लाया गया

आमजनों का यह भी कहना है कि अगर पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में ला दिया जाए, तो निश्चित तौर पर जो तमाम टैक्सों के कारण पेट्रोल-डीजल महंगा हो रहा है, वह नहीं होगा। लेकिन सरकार ऐसा नहीं करना चाहती है।

सरकार की है ये चाल

केंद्र में भाजपा की सरकार आने के कुछ दिनों बाद पेट्रोल-डीजल की बढ़ती दरों का तरीका बदल दिया है, इसके पीछे प्रमुख कारण ये है कि धीरे-धीरे बढ़ रहीं दरों का इफेक्ट एकदम से नहीं होगा। देखते ही देखते पेट्रोल 83 रुपये प्रति लीटर के करीब पहुंच गई है। वहीं डीजल 75.17 रुपये हो गया है।

निश्चित तौर पेट्रोल-डीजल की बढ़ रही कीमतों से हर कोई परेशान है। केंद्र सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। जिससे आम जन को राहत मिल सके

दीप गर्ग

पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए, जिससे पेट्रोल-डीजल सस्ते हो सकें। तभी लोगों को राहत मिल सकेगी।

अनंत चौधरी

ये स्लो पॉयजन दिया जा रहा है। किसानों का इससे बुरा हाल है। किराए से लेकर हर चीज इनसे प्रभावित हो रही है। इसके लिए केंद्र और प्रदेश सरकार को सोचना चाहिए।

अरविंद शर्मा

पहले कम से कम 15 दिन में पेट्रोल-डीजल की दरें बढ़ती थीं, अब रोजाना बढ़ती हैं। कमी का तो कहीं पर नाम ही नहीं है। पहले तो बढ़ते थे तो कम भी हो जाते थे।

हरदेव सिंह

डॉलर की कीमत बढ़ने के कारण पेट्रोल-डीजल की दरें बढ़ रही हैं। कच्चा तेल खरीदा जाता है वह डॉलर में खरीदा जाता है। ये इसी का असर है।

उत्तम सिंह नरवार, नरवार फिलिंग स्टेशन

दिनांक पेट्रोल डीजल

26 82.11 74.06

27 82.22 74.18

28 82.40 74.36

29 82.54 74.57

30 82.62 74.74

01 82.85 75.03

02 82.95 75.17