- केजीएमयू में कार्यपरिषद की बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर मुहर

- वर्ष 2004-05 में हुई भर्तियों में धांधली का मामले में नही हो सका निर्णय

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LUCKNOW: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में फॉर्माकोलॉजी विभाग के प्रोफेसर को केजीएमयू प्रशासन की पोल खोलना भारी पड़ गया है. कार्यपरिषद ने उन्हें दोषी पाते हुए उनका डिमोशन करने के आदेश दिए हैं. इसके अलावा रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग के एचओडी को प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोपों से बरी कर दिया है. जांच कमेटी की रिपोर्ट में बहुमत के आधार पर उन्हें दोषमुक्त किया गया है.

क्या था मामला

केजीएमयू के फॉर्माकोलॉजी विभाग के डॉ. संजय खत्री का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वह कथित तौर पर केजीएमयू में चल रहे भ्रष्टाचार को उजागर कर रहे थे. केजीएमयू के अधिकारियों की पोल खुली तो उन्होंने डॉ. संजय खत्री के खिलाफ जांच बैठा दी, जिसके बाद जांच कमेटी ने उन्हें दोषी पाया है. इस रिपोर्ट के आधार पर ही कार्य परिषद ने बड़ा एक्शन लेते हुए उनके डिमोशन के आदेश दिए हैं. वहीं रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग के डॉ. सूर्यकांत को प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोपों से बरी कर दिया गया है. उनके खिलाफ काफी समय से प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोपों की जांच चल रही थी.

कम्युनिटी मेडिसिन के दो डॉक्टरों को प्रमोशन

कार्य परिषद ने कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के दो डॉक्टर्स डॉ. नईम अहमद और डॉ. ओपी सिंह को प्रोफेसर पद पर प्रमोट करने को हरी झंडी दे दी है. दोनों ही डॉक्टर्स का लंबे समय से प्रमोशन लंबित था और मामला राजभवन तक पहुंच गया था. हाल ही में राजभवन ने दोनों के लिफाफे खोलने को हरी झंडी दे दी थी. दोनों ही अब प्रोफेसर बन गए हैं. कार्यपरिषद ने कम्युनिटी मेडिसिन के डॉ. एसपी पटेल और डॉ. जमाल मसूद के मामले में डॉ. एसपी पटेल के सीनियर होने पर मुहर लगाई है. डॉ. उदय मोहन के रिटायर होने पर वह नए एचओडी बनेंगे.

कैंसर मरीजों के लिए लगेगी नई मशीन

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में कैंसर मरीजों को बेहतर इलाज मिलेगा. इसके लिए जल्द ही करीब 15 करोड़ की लागत से एक और लीनियर एक्सीलरेटर मशीन की स्थापना शताब्दी अस्पातल फेज टू के बेसमेंट में स्थापित की जाएगी. इसकी खरीद प्रक्रिया के लिए रेडियोलॉजी विभाग ने कार्य परिषद से अनुमति मांगी है. रेडियो विकिरण से कैंसर का इलाज करने वाली एक मशीन पहले से ही केजीएमयू में स्थापित है जबकि आवश्यक्ता कम से कम तीन मशीनों की है.

केजीएमयू से इंटर्नशिप के लिए रिटेन एग्जाम

बाहरी या प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों से बीडीएस करके केजीएमयू से इंटर्नशिप के लिए छात्राओं को रिटेन एग्जाम क्वालीफाई करने की मांग के मामले में कोई निर्णय नहीं लिया जा सका. कार्यपरिषद ने कहा है कि शासन को इस संबंध में पत्र लिखा जाए और शासन के निर्देशों पर आगे निर्णय लिया जाए.

वीसी लेंगे निर्णय

केजीएमयू में समूह ग के वर्ष 2004 में हुए भर्ती घोटाले के आरोपियों पर कार्यपरिषद में कोई निर्णय नहीं हो सका है. कार्यपरिषद ने कहा है कि मामले को वीसी को संदर्भित किया जाए और वे आगे निर्णय लेंगे.

संविदा पर होंगी भर्तियां

पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर विभाग में संविदा के आधार पर भर्तियां की जाएंगी. गौरतलब है कि विभाग में केवल डॉ. वेद प्रकाश ही हैं. हाल में तीन सीनियर रेजीडेंट भी विभाग छोड़कर गए हैं. ऐसे में उन्होंने विभाग में मरीजों के हित में भर्तियों की मांग की थी. सीपीएमटी में धांधली के मामले में डॉ. केपी सिंह को नोटिस जारी कर उनसे आख्या मांगी जाएगी.

संजीव मिश्रा के लिए बदलेंगे नियम

केजीएमयू में किसी को भी सिर्फ पांच वर्ष के लिए ही बिना वेतन अवकाश देने का नियम है, लेकिन सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. संजीव मिश्रा को इससे अधिक का समय दिया गया है. उन्हें एम्स जोधपुर का दोबारा निदेशक चुना गया था. शासन के निर्देश पर केजीएमयू शासन को अब स्टेट्यूट्स में संशोधन के लिए प्रस्ताव भेजेगा.