दुनिया को आर्यभट्ट ने जीरो दिया. उनकी इस कामयाबी को अपनी inspiration बनाकर अब देश का एक और नन्हा टैलेंट खुद को साबित करने में जुटा हुआ है. अपने गुरुजनों से लेकर तमाम गणित से जुड़े लोगों को पाई के बजाए टाऊ का कांसेप्ट समझाने में एक साल से मेहनत कर रहे प्रखर जैन अकेले भारतीय हैं. उनके साथ दुनिया के 18 महान गणितज्ञ इस कांसेप्ट पर काम कर रहे हैं. प्रखर का दावा है कि पाई के बजाए अगर टाऊ का यूज किया जाए तो calculations ज्यादा accurate आते हैं. फिलहाल उन्हें KVS के regional competitions में इस बावत सक्सेस मिल चुकी है, लेकिन अब उनका next target national competition से होते हुए सीधे NCERT में ‘पैठ’ बनाना है.

.... So good bye Pie

ज्यादातर स्टूडेंट्स मैथ्स के नाम से खौफ खाते हैं, लेकिन एक ऐसा स्टूडेंट भी दून में है जो मैथ को अपनी लाइफ बनाने में जुटा हुआ है. उसके लिए मैथ्स की कैलकुलेशंस महज उंगलियों पर गिना जाने वाला एक खेल है. सेंट्रल स्कूल आईएमए में 12वीं साइंस के स्टूडेंट प्रखर का मानना है कि अगर आप इस सब्जेक्ट को दिल से पढ़ें तो दुनिया का सबसे आसान सब्जेक्ट है. इसी सोच के साथ प्रखर अब वर्षों पहले डेवलप की गई ‘पाई’ को रिमूव करने के अभियान में जुटे हुए हैं.

पाई नहीं टाऊ

प्रखर जैन का कहना है कि पाई की वैल्यू 22/7 होती है. इसके बजाए अगर हम टाऊ का इस्तेमाल करें तो कैलकुलेशंस ज्यादा बेहतर आती हैं. टाऊ की वैल्यू 44/7 तय की गई है. प्रखर ने बताया कि टाऊ के कांसेप्ट को लाने में सबसे अहम योगदान गणितज्ञ बॉब पालैस का है.

हालांकि उन्होंने तब केवल पाई को गलत करार दिया था. उनके इस दावे को बहुत ज्यादा सपोर्ट नहीं मिल पाया. हालांकि इस बीच उनका देहांत हो गया. इसके बाद टाऊ का कांसेप्ट आया. इस कांसेप्ट को दुनियाभर में सपोर्ट करने के लिए एक कमेटी बनी हई है.

बदल जाएगी maths की history

The Only Indian

टाऊ के प्रति अवेयरनेस बढ़ाने के लिए टाऊ मेनिफेस्टो का गठन हुआ है. इसमें दुनियाभर के 18 एक्सपट्र्स के नाम शामिल हैं. खास बात यह है कि इस कमेटी का पार्ट बनने वाले प्रखर जैन देश के अकेले भारतीय युवा हैं. प्रखर ने बताया कि इसके अलावा वह फेसबुक और दूसरे कई माध्यमों से भी इस कांसेप्ट को सब तक पहुंचा रहे हैं. इसके लिए उन्होंने फेसबुक पर Tau Revolution ग्रुप बनाया है, जिस पर अभी तक 650 से भी ज्यादा लोग जुड़े चुके हैं. इसके अलावा गूगल ब्लॉग्स में ‘pimakewayfortau’ नाम से ब्लॉग क्रिएट किया है. एओपीएस पर भी प्रखर ने ‘ispiwrong’ नाम से एक पेज बनाया है. इसके अलावा ‘XCD Forum' पर भी प्रखर अपनी बात को मनवाने में जुटे हुए हैं. प्रखर ने बताया कि इस रिवॉल्यूशन को लेकर वह बहुत पॉजीटिव हैं.

पहले हंसते हैं फिर मानते हैं

प्रखर ने बताया कि सबसे पहले उन्होंने इस कांसेप्ट को अपने टीचर्स को बताया. टीचर्स ने पहले तो इसे मजाक समझते हुए टाल दिया, लेकिन जब प्रखर ने इस मामले को खुलकर समझाया तो उन्होंने प्रखर की तारीफ की. इसके बाद तो प्रखर ने केवी आईएमए, केवी एफआरआई और बालिका शिक्षा सदन में बाकायदा इस कांसेप्ट को समझाने के लिए सेमिनार भी आयोजित किए. प्रखर का कहना है कि इस कांसेप्ट को लेकर जितने लोगों की क्यूरोसिटी बढ़ रही है, वह अपने आप में बेहतर प्रयास कहा जा सकता है.

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NCERT पर निशाना

प्रखर जैन फिलहाल केवीएस के देहरादून रीजन की ओर से अहमदाबाद में होने वाली नेशनल साइंस एग्जीबिशन में पार्टीसिपेट करने जा रहे हैं.

इस दल में पूरे रीजन से 20 स्टूडेंट्स जा रहे हैं. प्रखर ने बताया कि अगर नेशनल लेवल पर उनका यह प्रोजेक्ट पास हो जाता है तो सीधे तौर पर यह एनसीईआरटी के पास चला जाएगा. इसके बाद ‘पाई’ को एनसीईआरटी की ओर से ‘टाऊ’ में कंवर्ट कर दिया जाएगा.

Family का full support

प्रखर के पिता नवीन जैन एक बिजनेसमैन हैं. उनकी मदर ममता जैन बालिका शिक्षा सदन में टीचर हैं. उनका बड़ा भाई नमन जैन दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीएससी ऑनर्स कर रहा है. प्रखर का कहना है कि उनके इस प्रोजेक्ट में उनकी फैमिली का बहुत अहम रोल है. उनके बड़े भाई हमेशा उन्हें इसके लिए इंस्पायर करते हैं. इसके अलावा वह इसका श्रेय अपने टीचर्स को भी देते हैं. प्रखर के अलावा नेशनल साइंस कॉम्पिटीशन में आदित्य चंद, समृद्धि सक्सेना, सीमा कुमारी, वासु, अक्षय सिंह, शहनवाज अली, पूजा सिंह, तारकेश्वरी, अर्शी सैफी, रक्षिता, टूटू सिंह, गौरव बिष्ट, अर्पित चित्रांश, सौरभ, अक्षत गुप्ता, सुभा सरकार, सौरभ सिंह, रुचि कोठारी और अंकित शर्मा के नाम शामिल हैं. यह सभी स्टूडेंट्स टीचर्स पीयूष निगम और पूनम सिंह के साथ अहमदाबाद के लिए ट्यूजडे को रवाना होंगे.

Report: Aftab Azmat

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