मेरठ के तीन खिलाडि़यों को मिलेगा स्टेट लेवल का सबसे बड़ा अवार्ड

एक को लक्ष्मण और दो को मिलेगा लक्ष्मीबाई अवार्ड

MEERUT : शहर के खिलाडि़यों ने मेरठ का नाम देश में एक बार फिर रोशन कर दिया है। मेरठ से तीन खिलाडि़यों को स्टेट लेवल का सबसे बड़ा पदक मिलने जा रहा है। इस फेहरिस्त में एक पुरूष खिलाड़ी और दो महिला खिलाड़ी शामिल हैं। सरकार की तरफ से मिलने वाले स्टेट लेवल के इस अवार्ड के लिए चयनित खिलाडि़यों को लखनऊ बुलाया गया है। इनमें मेरठ के शार्दुल विहान को शूटिंग, वुशु में विशाखा मलिक एवं एथलेटिक्स में अनु रानी ने बाजी मारी है। इस मौके पर उनकी इस कामयाबी के लिए उनके कोच व प्रियजनों ने उन्हें बधाई दी। तीनों खिलाड़ी आज लखनऊ के लिए रवाना होंगे।

 

जीत चुकी हैं कई अवार्ड

वुशु की इंटरनेशनल खिलाड़ी विशाखा मलिक देश के लिए गोल्ड जीतना चाहती हैं। केवल 21 साल की उम्र में एशियन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली मेरठ की इस खिलाड़ी की नजर आगामी प्रतियोगिताओं में इस बार स्वर्ण पदक पर टिकी है। इसके लिए वे कड़ी मेहनत कर रही हैं। विशाखा कहती हैं कि वुशु से आत्मविश्वास बढ़ता है। सरस्वती बिहार की विशाखा मलिक टर्की की अंकारा सिटी में व‌र्ल्ड चैंपियनशिप और वियतनाम में हुई एशियन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत चुकी हैं।

 

उपलब्धि

वर्ष 2008 से 2015 तक नेशनल चैंपियनशिप में उन्होंने गोल्ड तथा सिल्वर मेडल हासिल किए हैं।

 

2010 में रांची में हुई नेशनल गेम्स में सिल्वर मेडल प्राप्त कर चुकी हैं।

 

2019 में उन्हें लक्ष्मीबाई अवार्ड दिया जा रहा है।

 

छोटी उम्र में बड़े कमाल

साल था 2011, जब मेरठ शहर के 8 साल के शार्दुल ने बैडमिंटन से अपनी शुरुआत की। मन बैडमिंटन से भरा तो शूटिंग में लगा। वह जब शूटिंग की प्रैक्टिस करने के लिए गया तो वहां खड़े लोग उसको देखकर हंसने लगे। लोग हंसते हुए कह रहे थे, पिद्दी से इस लड़के से राइफल तक तो उठेगी नहीं, निशाना क्या लगाएगा। शार्दुल ने बताया कि तभी से मन में अजीब सी चिड़ मची। उसने एकाएक वहां रखी राइफल उठाई और धांय से फायर कर दिया। इसे इत्तेफाक कहें या नियति की मनमर्जी कि बंदूक से निकली गोली ने सीधे निशाने को भेद दिया। इसके बाद शार्दुल ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

 

इंडोनेशिया में चल रहे 18वें एशियन गेम्स में डबल ट्रैप शूटिंग इवेंट में 15 साल के शार्दुल विहान ने सिल्वर मेडल जीता।

 

अंतराष्ट्रीय स्तर पर कुल मिलाकर 5 मेडल देश की झोली में डाले हैं, जिनमें 3 गोल्ड और 2 ब्रोन्ज मेडल शामिल हैं।

 

राष्ट्रीय स्तर कुल आठ मेडलों में से 6 सोने और 2 चांदी के मेडल शार्दुल ने अपने नाम किए हैं।

 

2019 में उन्हें अब लक्ष्मण अवार्ड मिल रहा है।

 

एथलेटिक्स में तोड़े कई रिकार्ड

अनु का जन्म मेरठ के दबथुआ गांव में किसान परिवार में हुआ है लेकिन इसे कभी अनु ने अपने करियर की बाधा नहीं बनने दिया। एथलेटिक्स में नेशनल लेवल तक रिकॉर्ड बनाने वाली अनु रानी ने नेशनल इंटर स्टेट लेवल पर 58.83 मीटर की थ्रो कर पुराने सारे रिकार्ड तोड़ डाले। इसके अलावा कॉमनवेल्थ 2014 में भी अनु ने शानदार प्रदर्शन किया था।

 

2014 में लखनऊ में नेशनल इंटर-स्टेट चैंपियन भी रह चुकी हैं।

 

2017 में उड़ीसा में एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप जीत चुकी हैं।

 

2019 में अब उन्हें स्टेट लेवल का सबसे बड़ा लक्ष्मीबाई अवार्ड मिल रहा है।