दवाओं की एक्सपायरी डेट पर लेबलिंग कर हेराफेरी

जिला अस्पताल लग रहे मरीजों को 'गलत' इंजेक्शन

मरीजों की जान से किया जा रहा खिलवाड़

>Meerut। सरकारी दवाइयों पर डबल लेबलिंग कर एक्सपायरी डेट में खेल किया जा रहा है। लेबलिंग कर जहां डेट में पूरी तरह से हेराफेरी की जाती है वहीं मरीजों की जान की परवाह न कर धड़ल्ले से इनका प्रयोग हो रहा है। यही नहीं दवाइयों की पूरी पैकिंग को ही बदला जा रहा है ताकि किसी को भी इस खेल की भनक न लग सके। अस्पताल प्रशासन की नाक के नीचे चल रहे इस खेल का खुलासा दैनिक जागरण आई नेक्सट की पड़ताल में हुआ है।

यह है मामला

प्यारेलाल शर्मा जिला अस्पताल में यह मामला सामने आया है। यहां आईसोलेशन वार्ड में एंटी बॉयोटिक के तौर पर हाईड्रोकोरटिसोन सोडियम स्यूसिनेट इंजेक्शन आईपी 100 एमजी साल्ट का प्रयोग किया जा रहा है। इसकी पैकिंग में दो शीशी हैं। एक में पाउडर फार्म में इंजेक्शन हैं, जबकि दूसरी शीशी में स्टेरेलाइज वाटर है। इन दोनों को मिलाकर ही लिक्विड फॉम में इंजेक्शन तैयार कर मरीज को लगाया जाता है। स्टेरेलाइज वाटर में डबल लेबलिंग की गई है। शीशी पर प्रिंट डेट अक्टूबर 2014 की है, जबकि दूसरा लेबल चिपकाकर इसे जनवरी 2022 किया गया है। इसके अलावा पाउडर इंजेक्शन की शीशी की एक्सपायरी डेट जनवरी 2019 है।

बैच नंबर में भी खेल

एक्सपायरी के साथ ही इन दवाइयों के बैच नंबर में भी खेल चल रहा है। पाउडर इंजेक्शन की शीशी पर बाहरी पैकिंग पर जहां एचसी 10117 बैच नंबर डाला गया है। वहीं स्टेरेलाइज वॉटर की शीशी पर प्रिंट बैच नंबर डीडबल्यू 50109 है। वहीं ऊपर चिपके लेबल पर इसका बैच नंबर डीडबल्यू 50117 है।

इन बीमारियों में होता है प्रयोग

इाईड्रोकोरटिसोन सोडियम स्यूसिनेट इंजेक्शन का प्रयोग हैवी एंटीबॉयोटिक के तौर पर होता है। इसमें मुख्यत: इंफेक्शन, गहरा घाव, आंतों में सूजन, सोरायसिस, इंफ्लेमेटरी डिजीज, बवासीर, रूमेटाइड आर्थराइटिस, डर्माटाइटिस, एक्जिमा, ऑस्टियोआर्थराइटिस, गाउट, खाज आदि में किया जाता है। एक्सपायरी डेट बीतने के बाद दवाइयों का प्रयोग करने से मरीजों की जान तक जा सकती है। इसके अलावा डायरिया, बुखार, अटैक, शॉक भी हो सकता है।

मामले की होगी जांच

जिला अस्पताल के एसआईसी डॉ। पीके बंसल ने कहा कि वह दवाओं की जांच करवा रहे हैं। अस्पताल में पूरी पड़ताल के बाद ही किसी भी मेडिसिन का प्रयोग किया जाता है। उधर ड्रग इंस्पेक्टर पवन शाक्य का कहना है कि दवाइयों का पूरा ब्योरा होता है। एक्सपायरी डेट का प्रयोग करना गलत है। इसकी जांच करवाई जाएगी।