जाने कैसे कटती है ये रात

करीब सवा दो सौ बेड की कैपेसिटी वाले इस वार्ड में पेशेंट की बेसिक फैसिलिटी जैसे बेड, मेडिसिन, ठंड से बचाव और अन्य केयर की जबरदस्त कमी है। यही वजह है कि पेशेंट की प्रॉब्लम तो खत्म होती नहीं, अटेंडेंट भी परेशान रहते हैं। इस ठंड में मैक्सिमम पेशेंट को कंबल तक अवेलेबल नहीं है। कुछ पेशेंट को कंबल मिला भी है तो वह इतना पतला है कि ठंड ही भारी पड़ता है। खिड़कियों की हालत ऐसी है कि ठंड हवाओं से बच नहीं सकते। एक पेशेंट के अटेंडेंट आदिनाथ ने कहा कि यहां नल के पानी के अलावा और कुछ नहीं मिलता। जो मेडिसिन डॉक्टर लिखकर देते हैं, वे यहां नहीं मिलती। यहां स्टोर में भी दवाएं नहीं है। वहीं, मोतिहारी से आई गुड्डी देवी जो पिछले 15 दिन से यहां थर्ड फ्लोर पर हैं, को रात में वार्ड के बाहर ही लगे बेड पर ठंड का सामना करना पड़ रहा है.पटना में पारा लगातार गिरता जा रहा है, जिसका असर स्वस्थ आदमी पर भी पड़ रहा है। यह सर्दी पेशेंट को हाड़-मांस कंपा रहा है, पर अस्पताल में कंबल आदि ओढऩे की पर्याप्त व्यवस्था भी नहीं है। मजबूरी में पेशेंट का अटेंडेंट किसी प्रकार से जो मिल जाए, उससे काम चलाता है। अनिल मांझी की मां निरूपा यहां पिछले तीन दिन से एडमिट हैं, पर बिछावन और ओढऩे के लिए वार्ड में कुछ नहीं मिला है। यही वजह है कि रात जागते बीतता है। ऐसे सैकड़ों हैं, जो इस कदर परेशान हैं।

हीटर का भी अरेंजमेंट नहीं

पेशेंट के लिए इस ठंड में गर्म पानी की जरूरत आम है, पर वार्ड के अंदर इसका कोई इंतजाम नहीं है। इसके कारण यहां दो सौ से अधिक पेशेंट को बाहर होटलों पर पानी गर्म करने के लिए डिपेंडेंट रहना पड़ता है। परेशानी तब और बढ़ जाती है, जब मेडिसिन गर्म पानी के साथ लेना पड़े। इस वार्ड के दूसरे फ्लोर पर एडमिट मिश्री देवी ऐसी ही पेशेंट हैं, जिन्हें दवा गर्म पानी के साथ लेना होता है। पेशेंट के एक अटेंडेंट ने बताया कि डॉक्टरों के लिए ठंड से बचने के लिए हीटर की व्यवस्था होती है, पर यहां सैकड़ों पेशेंंट की जरूरत के प्रति लापरवाही बरती जा रही है।

ऑक्सीजन फैसिलिटीज भी नदारद

ऑक्सीजन फैसिलिटी किसी भी वार्ड की बेसिक फैसिलिटी का एक इंटेगरल पार्ट होता है। खासकर जिन्हें सांस लेने में तकलीफ हो। इस वार्ड के अधिकांश रूम में या तो मास्क टूटा है या फिर गैस सप्लाई ही बंद है। दूसरे फ्लोर पर 18 बेड वाले रूम में केवल एक ही ऑक्सीजन मशीन काम कर रही थी, जबकि इसी रूम में चार मशीन लगी हुई थी।