स्काउट-गाइड में डीओसी व ओएसडी की नौकरी का देता था झांसा

14 साल से हजारों बेरोजगार युवकों का डकार चुका है करोड़ों रुपये

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MEERUT : साइबर सेल ने द स्काउट गाइड ऑर्गेनाइजेशन संस्था में सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह के मुख्य सरगना को दबोच लिया है। उसके पास से आधार कार्ड, आठ अंगूठी व हजारों रुपये बरामद हुए हैं। पुलिस ने कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करके हवालात में डाल दिया। पुलिस के मुताबिक संस्था का ओएसडी फहाद फरार है। उसकी जल्द गिरफ्तारी होगी। यही नहीं दिल्ली, उत्तराखंड़, गुड़गांव, उत्तर प्रदेश के नोएडा में ऑफिस बनाकर गैंग संचालित होहा था।

 

क्या है मामला

मवाना के दिग्वेश पुत्र वीर सिंह ने एसएसपी अखिलेश कुमार के पास शिकायत दर्ज कराई थी। उसके मुताबिक मेरठ में द स्काउट गाइड ऑर्गेनाइजेशन नाम की संस्था बनाकर सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर आठ से 10 लाख रुपये वसूले जा रहे हैं। पीडि़त ने बताया कि उससे भी सरकारी नौकरी के नाम पर सात लाख रूपये ठगे गए। एसएसपी ने सारे मामले की जांच मवाना पुलिस व साइबर सेल को सौंपी थी।

 

जांच में खुलासा

उप्र स्काउट एंड गाइड स्काउट भवन बैंक स्ट्रीट लालकुर्ती व भारत सरकार स्काउट एंड गाइड के राष्ट्रीय मुख्यालय ने साइबर सेल व मवाना पुलिस को लिखित में जानकारी दी कि द स्काउट गाइड ऑर्गेनाइजेशन नाम की संस्था से उनका कोई लिंक नहीं है।

 

बिहार से ली थी ट्रेनिंग

पुलिस के मुताबिक पकड़े गए आरोपी राजकिशोर प्रसाद सिन्हा ने 1985 में उच्च विद्यालय महाराजगंज पटना राज्य बिहार से स्काउट गाइड की ट्रेनिंग लेकर ऑल इंडिया ब्याज स्काउट को ज्वाइन किया था। इसके बाद वह साल 1999 में बेरोजगार युवकों को सरकारी नौकरी लगाने वाला लालच देकर ठगी करने लगा। पुलिस ने बताया कि उसने 2004 में स्काउट गाइड ऑर्गेनाइजेशन का गठन किया था। इस संस्था के नाम पर ही वह ठगी करता था।

 

डकार चुका है करोड़ों

साइबर सेल के एसपी क्राइम डॉ। बीपी अशोक ने बताया कि आरोपी देशभर में सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर 5 से 8 लाख रुपये लेता था। अब तक वह दो हजार युवाओं से रजिस्ट्रेशन चार्ज, ट्रेनिंग चार्ज, ड्रेस चार्ज व अन्य फीस के नाम करोड़ों रुपये डकार चुका है।