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AGRA : क्राइम ब्रांच के हाथ एटीएम में फ्रॉड करने वाला ऐसा गैंग लगा है जिसने एटीएम केबिन में कारीगरी धौलपुर से सीखी। धौलपुर गैंग के सरगना से इस गैंग के सरगना ने गुरु दीक्षा ली। इसी के बाद गैंग ने विभिन्न राज्यों में सैकड़ों वारदात कर सनसनी फैला दी। पुलिस काफी दिनों से इनकी तलाश में थी। एसपी सिटी प्रशांत वर्मा ने मामले में प्रेसवार्ता कर खुलासा किया।

मुखबिर की सूचना पर पकड़ा
गैंग को पकड़ने के लिए क्राइम ब्रांच की टीम को लगा था। प्रेसवार्ता में एसपी सिटी ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली कि एसबीआई एटीएम के सामने सर्विस रोड पर वैगनआर कार में पांच लोग सवार हैं जो एटीएम पर फ्रॉड करते हैं। इसी के बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने मौके से जाकर पकड़ लिया। पुलिस ने जब पूछताछ की तो कई मामलों का खुलासा हुआ।

इन शातिरों को पुलिस ने पकड़ा
पुलिस के मुताबिक पकड़े गए शातिरों का नाम रोहित सिंह पुत्र सुनील कुमार निवासी कस्बा, शिकोहाबाद, पुनीत उर्फ पुन्नी ठाकुर पुत्र शिव सिंह निवासी जसराना, फीरोजाबाद, हसरत अलवी पुत्र हसमुद्दीन निवासी लिंक रोड, गाजियाबाद, निशांत उर्फ गौरा पुत्र जसवंत सागर निवासी गढ़ी भदौरिया, जगदीशपुरा, जावेद पुत्र सलीम पठान निवासी आजमपाड़ा, शाहगंज बताए गए हैं।

इतना माल किया बरामद
पुलिस ने पकड़े गए शातिरों ने एक वैगनआर कार व विभिन्न बैकों के 49 एटीएम कार्ड व 93 हजार रुपये के अलावा चार मोबाइल बरामद किए हैं। पकड़ा गया रोहित इनमें सरगना है। उसी के निर्देशन में बाकि अन्य सदस्य घटनाओं को करते हैं।

धौलपुर से सीखी थी हाथ की सफाई
पुलिस के मुताबिक पकड़ा गया रोहित पहले भी पांच से छह बार इन मामलों में जेल गया है। उसकी मुलाकात धौलपुर के हनीफ गैंग से हुई थी। हनीफ गैंग का काम एटीएम केबिन से रुपये पार करना था। रोहित ने हनीफ को अपना गॉड फादर बना लिया। धोखाधड़ी के सारे गुण हनीफ से लिए। इसके बाद रोहित ने अपना गैंग सक्रिय कर लिया। पुलिस को शातिर हनीफ की भी तलाश है।

एक ही बैंक के अधिक मामले
पुलिस के मुताबिक शातिरों ने दो सौ से अधिक वारदातें का लाखों रुपया पार किया है। शातिर अधिकतर कैनरा बैंक के एटीएम को निशाना बनाते हैं। बिना गार्ड के एटीएम इनके सॉफ्ट टारगेट होते हैं। चूंकि वहां पर टोकने वाला नहीं होता। रोहित 12वीं, पुनीत 12वीं, हसरत दसवीं तक पढ़ा हुआ है।

गैंग के सदस्य को जड़ा तमाचा
टेढ़ी बगिया निवासी सुरेश यादव के दो अगस्त को एटीएम से शातिरों ने मदद के नाम पर 70 हजार रुपये निकाल लिए। सुरेश एक हफ्ते तक बैंक के चक्कर लगाते-लगाते बेहोश हो गया। जिस समय गैंग पकड़ा गया उस समय सुरेश ने एक सदस्य को पहचान लिया। उसने गुस्से में आकर उसके तमाचा जड़ दिया। पुलिस ने किसी तरह उसे समझाया।