- पुलिस सतर्कता से 40 करोड़ रुपये पार होने से बचे

- पुलिस ने गैंग के तीन सदस्यों को दबोचा

आगरा। अगर आप चेक से भुगतान करते हैं, तो सावधान हो जाएं। आपके चेक की क्लोनिंग कर फर्जी चेक से आपको चपत लगाने वाला गैंग सक्रिय है। पुलिस ने ऐसे ही गैंग के तीन सदस्यों को पकड़ा है। गैंग करीब 40 करोड़ की हेराफेरी चेकों से करने की तैयारी में था। शातिर तकनीकि के माध्यम से क्लोन चेक तैयार करते थे। पुलिस को अब उनके सरगना की तलाश है। सोमवार को एसपी सिटी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गैंग का खुलासा किया।

किराये पर रहते थे तीनों

पुलिस ने अबुल उलाह दरगाह के पास से प्रशांत, अंकित व पवन को पकड़ा है। प्रशांत ओर पवन बीए व अंकित 12वीं कर चुका है। तीनों यहां पर किराए पर रहते थे। एसई इंवेस्टमेंट कंपनी के वाइस प्रेसीडेंट ने 29 दिसम्बर 2017 को अपनी शिकायत दी थी कि 22 दिसम्बर को एसके ट्रेडिंग कंपनी के पक्ष में गौतमबुद्ध नगर स्थित पंजाब नेशनल बैंक में 2556125 रुपये का चेक जमा कराया था, जबकि उस नम्बर का मूल चेक उनके पास था। इस शिकायत पर पुलिस मामले की छानबीन कर रही थी। 23 जुलाई को फिर से उन्होंने शिकायत की कि पंजाब नेशनल बैंक, सूर्य नगर की शाखा में उनके दो चेक 5595252 रुपये व 4450000 रुपये के भुगतान के लिए लगाए गए। छानबीन में पता चला कि इसी खाते के दो अन्य चेक 986865 रुपये व 4000000 रुपये के मुम्बई में भुगतान के लिए लगाए गए हैं।

बंद करा देते थे सिम

पकड़े गए शातिर क्लोन चेक तैयार कर बैंक में लगाते हैं। इसके बाद जो नम्बर बैंक खाते से लिंक होता है उसे बंद कराने के लिए कस्टमर केयर में कॉल करते हैं। सिम खोने का झांसा देकर सिम बंद करवा देते थे। जब रुपये अकाउंट में ट्रांसफर हो जाते थे फिर से कस्टमर केयर फोन कर नई सिम इश्यू होने की बात बोल कर नम्बर एक्टिव करवा लेते थे। इस तरह से कंपनी के पास रुपये निकासी का मैसेज नहीं आता था। लेकिन इस बार बैंक मैनेजर ने कंपनी प्रेसीडेंट के पास फोन कर जानकारी मांगी तो कंपनी को धोखाधड़ी की जानकारी हुई।

इस तरह से करते हैं काम

सबसे पहले शातिर किसी भी तरह चेक की फोटो खींच लेते हैं। फिर उसका फोटो निकालते हैं। क्लोन चेक बनाने के लिए ट्रेसिंग पेपर का यूज किया जाता है। चेक की गुणवत्ता जांचने व हस्ताक्षर करने के लिए ट्रेसिंग टेबिल का यूज करते थे। तकनीकि की मदद से वह क्लोन चेक को असली जैसा बनाकर किसी भी बैंक में जमा करा सकते थे। बरामद लैपटॉप से जानकारी हुई कि शातिर सॉफ्टवेयर से क्लोन चेक तैयार करते हैं।